उत्तराखंड: कोरोना संक्रमित महिला सिपाही की मौत, घर में बिलखते दो बच्चे अब किसे कहेंगे मां
सहकर्मियों ने बताया कि आरक्षी कमला मृदुभाषी और सरल स्वभाव की थीं। वो अपने काम के प्रति हमेशा समर्पित रहती थीं। कांस्टेबल कमला अपने पीछे दो मासूमों को बिलखता छोड़ गई हैं।
Jan 23 2022 3:24PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड में कोरोना का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। सबसे ज्यादा खतरा उन लोगों को है, जो फ्रंट लाइन पर सेवाएं दे रहे हैं। स्वास्थ्यकर्मी, सुरक्षा बल और पुलिस के जवान लगातार कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। इस बीच एक दुखद खबर पिथौरागढ़ जिले से आई है। यहां कोरोना पॉजिटिव पाई गई महिला कांस्टेबल की असामयिक मौत हो गई। महिला कांस्टेबल के निधन से उत्तराखंड पुलिस महकमे में शोक की लहर है। महिला कांस्टेबल कमला पत्नी अशोक कोहली की एंटीजन जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी, तब से वो घर पर ही आइसोलेट थीं। कमला मूलरूप से बागेश्वर जिले के बैजनाथ क्षेत्र की रहने वाली थीं। 18 जनवरी को रैपिड एंटीजन टेस्ट में कमला पॉजिटिव मिली थीं। डॉक्टरों ने उन्हें घर पर रहने की सलाह दी थी। जिसके बाद महिला कांस्टेबल पुलिस लाइन स्थित सरकारी आवास पर ही होम आइसोलेट थीं। शुक्रवार को कांस्टेबल कमला की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई।
उन्हें 108 वाहन से अस्पताल लाया गया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने कमला को मृत घोषित कर दिया। कमला अपने पीछे दो छोटे बच्चों को बिलखता छोड़ गई हैं। उनके पति अशोक कोहली भी पुलिस महकमे में हैं और वर्तमान में अभियोजन कार्यालय में तैनात है। सहकर्मियों ने बताया कि आरक्षी कमला मृदुभाषी और सरल स्वभाव की थीं। वो अपने काम के प्रति हमेशा समर्पित रहती थीं। कमला के निधन से पुलिस महकमे में शोक व्याप्त है। पुलिस ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कमला को श्रद्धांजलि दी। बात करें कोरोना मामलों की तो उत्तराखंड में बीते 24 घंटे के भीतर 4759 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए हैं। जबकि सात मरीजों की मौत हुई है। 2712 संक्रमित ठीक हुए हैं। वर्तमान में 28907 सक्रिय मरीजों का अस्पतालों और होम आइसोलेशन में इलाज चल रहा है। प्रदेश की रिकवरी दर 88.76 प्रतिशत और संक्रमण दर 12.48 प्रतिशत दर्ज की गई है।