उत्तराखंड: इस बार दो पूर्व मुख्यमंत्रियों की बेटियां लड़ रही हैं चुनाव, विरासत बचाने की चुनौती
पूर्व मुख्यमंत्रियों की दोनों बेटियां लड़ेंगी चुनाव, सीट से कभी दोनों पूर्व मुख्यमंत्री बुरी तरह हार गए थे, उनकी बेटियां हार का लेंगी बदला
Jan 28 2022 6:46PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
उत्तराखंड में इस बार के चुनाव बेहद रोमांचक होने वाले हैं। भाजपा हो या कांग्रेस हर पार्टी जोरों-शोरों से प्रचार प्रसार में जुटी हुई है। तो वहीं इस बार दो पूर्व मुख्यमंत्रियों की बेटियों के पास अपने पिताओं की हार को जीत में बदलने का एक सुनहरा मौका है। जी हां हम बात कर रहे हैं पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी की बेटी विधायक ऋतु खंडूरी और पूर्व सीएम हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत की। दोनों बेटियां इस बार चुनाव में खड़ी हो रहे हैं। दोनों के पास पिता की हार का बदला लेने का एक अवसर है। अब देखना यह है कि वह किस रणनीति के तहत हार को जीतने बदलती हैं। इस बार चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्रियों की दोनों बेटियां पिता की हार का बदला लेने के लिए उन्हीं की हारी हुई सीट से चुनाव लड़ने की तैयारियां कर रही हैं। कोटद्वार एवं हरिद्वार ग्रामीण सीटों पर लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं क्योंकि यहां पर दोनों विधानसभा सीटों पर पूर्व मुख्यमंत्रियों की बेटियां भाजपा और कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतर चुकी हैं।
बता दें कि ऋतु खंडूरी का यह दूसरा चुनाव होगा ऐसे में राजनीति अनुभव उनके पक्ष में है। वर्तमान में वे पौड़ी जिले की यमकेश्वर विधानसभा सीट से विधायक हैं। मगर इस बार भारतीय जनता पार्टी ने उनको कोटद्वार सीट से मैदान पर उतारा है। बता दें कि यहीं से उनके पिता 2012 में चुनाव हार गए थे। यहां 2012 में पूर्व सीएम भुवन चंद्र खंडूड़ी को कांग्रेस नेता सुरेंद्र सिंह नेगी ने 4623 मतों से हराया था। भुवन चंद्र खंडूरी को यहां से 27,194 वोट मिले थे जबकि सुरेंद्र सिंह नेगी को 31,797 वोट मिले थे और उन्होंने बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। 2017 के चुनावों में कोटद्वार सीट से भाजपा ने हरक को उतारा था और हरक सिंह रावत कोटद्वार से विधायक बने थे। इस बार ऋतु खंडूरी कोटद्वार से भाजपा की तरफ से चुनाव लड़ेंगी। ऐसे में उनके पास अपने पिता की हार का बदला लेने का मौका है।
बात करें हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा सीट की तो इस बार यहां से कांग्रेस के पूर्व सीएम हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत को कांग्रेस ने उतारा है। 2017 के चुनाव में यहां से हरीश रावत ने चुनाव लड़ा था लेकिन वे बुरी तरह हार गए थे। उनको स्वामी यतींद्रानंद ने 12,278 वोटों से हराया था। अनुपमा रावत के पास ऋतु खंडूरी से कम राजनीति का अनुभव है। ऋतु खंडूरी का यह दूसरा चुनाव है जबकि अनुपमा रावत का पहला चुनाव है और उनका मुकाबला भाजपा के प्रत्याशी स्वामी यतींद्रानंद से होगा। मगर दोनों ही बेटियों के जोश में कुछ कमी नहीं है। अब यह देखना मजेदार होगा कि क्या पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी एवं हरीश रावत की दोनों बेटियां उनकी हार का बदला लेने में कामयाब होती हैं या नहीं।