उत्तराखंड के बेहद खास है PM मोदी का 'पर्वतमाला प्रोजेक्ट', जानिए क्या हैं इसकी खूबियां
पर्वतमाला योजना से पहाड़ी राज्यों में ट्रांसपोर्टेशन के आधुनिक साधनों की व्यवस्था की जाएगी, ताकि यातायात सेवाएं बेहतर हो सकें।
Feb 3 2022 8:20PM, Writer:कोमल नेगी
केंद्र की मदद से उत्तराखंड में कई बड़ी परियोजनाएं धरातल पर उतर रही हैं। अब केंद्रीय बजट-2022 में ‘पर्वतमाला प्रोजेक्ट’ का ऐलान किया गया है, जिससे उत्तराखंड में वर्षों से अटके रोपवे परियोजनाओं की राह खुल गई है। उत्तराखंड के लिए ये प्रोजेक्ट कितना खास है और उससे पवर्तीय क्षेत्रों को कितना लाभ होगा, ये जानने के लिए हमारे साथ बने रहें। पर्वतमाला योजना से पहाड़ी राज्यों में ट्रांसपोर्टेशन के आधुनिक साधनों की व्यवस्था की जाएगी, ताकि ट्रांसपोर्टेशन आसान हो सके। प्रोजेक्ट में बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (बीएडीपी) पर विशेष फोकस किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इसके तहत उत्तराखंड के सीमावर्ती गांवों में बुनियादी सुविधाओं का विकास करने के साथ ही सड़कों का जाल बिछाएगा जाएगा। वर्ष 2022-23 में 60 किलोमीटर की लंबाई वाली कुल आठ रोपवे परियोजनाओं के अनुबंध किए जाएंगे। पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण और रखरखाव की दिक्कतों को देखते हुए रोपवे प्रोजेक्ट शुरू किए जा रहे हैं। प्रोजेक्ट के जरिए रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ, चमोली जिले में गोविंदघाट-घांघरिया समेत उत्तराखंड में 27 प्रोजेक्टों को धरातल पर उतरा जाएगा।
इनमें चंपावत में ठुलीगाड़ से पूर्णागिरी, उत्तरकाशी में बार्सू-मैठाणा-बरनाला-दयारा, श्रीनगर-पौड़ी, अल्मोड़ा-कसारदेवी और मुनस्यारी-खलियाटॉप जैसी रोपवे परियोजनाएं शामिल हैं। बजट में पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों का सुरक्षित विकल्प तलाशने संबंधी नई योजनाओं की घोषणा की गई है। उत्तराखंड जैसे राज्य के लिए ऐसा किया जाना जरूरी भी है। यहां सड़क परियोजनाओं के काम में तेजी आई है, लेकिन सड़कें खोदने से कई जगह पहाड़ कमजोर हो रहे हैं। जो कि बारिश में आपदा की वजह बन रहे हैं। ऐसे में सड़क का सुरक्षित विकल्प निकाले जाने से राज्य को बड़ा फायदा हो सकता है। केंद्रीय बजट वर्ष 2022-23 में 25 हजार किलोमीटर नए राजमार्ग बनाने की घोषणा भी की गई है। इस घोषणा के बाद प्रदेश की सड़कों की स्थिति बेहतर होने या इनके राष्ट्रीय राजमार्ग में बदलने की उम्मीद बढ़ गई है।