उत्तराखंड का सूर्यांश बिष्ट: बमबारी के बीच यूक्रेन से पोलैंड के लिए पैदल ही चल पड़ा
Uttarakhand के Suryansh Bisht Ukraine में फंसे थे और वो अपनी जान बचान के लिए दोस्तों के साथ पोलैंड के लिए पैदल ही चल पड़े।
Feb 27 2022 1:57PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड के 188 छात्र यूक्रेन में फंसे हैं। युद्ध के हालात के चलते इनकी जान खतरे में है। कई छात्रों के आसपास के इलाकों में धमाकों की आवाज आ रही है तो कईयों के पास खाने-पीने का सामान बहुत कम बचा है। जंग के हालात में देहरादून के 32 छात्र-छात्राएं राजधानी कीव के अलावा खारकीव, लिवीव जैसे शहरों में फंसे हुए हैं। दूतावास की ओर से इन लोगों को किसी भी तरह से पोलैंड की सीमा तक पहुंचने को कहा गया है, लेकिन वहां जाने वाली सड़क पर 25 किलोमीटर लंबा जाम लगा हुआ है। ऐसे में जान बचाने के लिए कई छात्र पैदल ही पोलैंड की सीमा की ओर निकल चुके हैं।
Story of Suryansh Bisht of Uttarakhand
इनमें उत्तराखंड के सूर्यांश सिंह बिष्ट, ओसामा कुरैशी, बिहार निवासी छात्र जीतेश व आशुतोष और राजस्थान निवासी राजेंद्र कुमार, गोपाल व अंकित कीमानें सहित कई छात्र शामिल हैं। लिवीव से पोलैंड की सीमा 75 किलोमीटर दूर है, लेकिन जान बचाने के लिए लोग पैदल ही चल पड़े हैं। भारी बमबारी के बीच इतना लंबा सफर करना जिंदगी को जोखिम में डालने जैसा है। आगे पढ़िए
यूक्रेन में फंसे सूर्यांश ने बताया कि यहां तमाम एटीएम खाली हो गए हैं। जिसके चलते कैश के साथ खाने-पीने के सामान की दिक्कत पैदा हो गई है। यूक्रेन में हो रहे धमाकों की आवाज टीवी के माध्यम से उत्तराखंड के घरों में भी सुनाई दे रही है। देहरादून, टिहरी, रुद्रप्रयाग और चमोली समेत अलग-अलग जिलों के 188 छात्र यूक्रेन में फंसे हैं। उधर शासन ने यूक्रेन में रह रहे लोगों के बारे में जानकारी देने की अपील की है। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व केके मिश्रा ने कहा कि दून के जो लोग यूक्रेन में रह रहे हैं उनका नाम, जिला और यूक्रेन में पता, मोबाइल नंबर, ई-मेल, पासपोर्ट नंबर आदि का विवरण आपदा कंट्रोल रूम देहरादून के दूरभाष नंबर 0135-2726066, 1077 (टोल-फ्री), 07534826066 पर उपलब्ध कराएं। इस संबंध में जानकारी ई-मेल आईडी- deoc.pgrc.ddn@gmail.com पर या आपातकालीन नंबर-112 पर भी उपलब्ध करा सकते हैं। बता दें कि यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को पोलैंड बार्डर पर बुलाया गया है, जहां भारतीय दूतावास का दल उन्हें भारत भेजने की व्यवस्था करेगा।