अद्भुत: उत्तराखंड में मिली अब तक की सबसे विशाल गुफा! अंदर शिवलिंग पर टपक रहा है पानी
Gangolihat Pithoragarh में मिली उत्तराखंड की अब तक की सबसे विशाल गुफा, प्रसिद्ध सिद्धपीठ हाटकालिका मंदिर से करीब एक किमी दूर है Mahakaleshwar Cave
Apr 4 2022 7:38PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
ऋषि-मुनियों की, देवों की पावन भूमि है देवभूमि उत्तराखंड। यहां पर अब तक कई ऐतिहासिक और प्राचीन चीजें हैं जो कि सैकड़ों साल पुरानी हैं।
Mahakaleshwar Cave at Gangolihat Pithoragarh
अब पिथौरागढ़ जिले के शैल पर्वत क्षेत्र की गुफाओं वाली घाटी गंगोलीहाट में प्रसिद्ध सिद्धपीठ हाटकालिका मंदिर से करीब एक किमी दूर आठ तल वाली विशाल गुफा मिली है। ऐसा कहा जा रहा है कि यह गुफा उत्तराखंड में मिली गई सभी गुफाओं में सबसे बड़ी और विशाल है। गुफा के भीतर चट्टानों में विभिन्न पौराणिक चित्र उभरे हुए हैं। और तो और शिवलिंग पर चट्टान की तरफ से पानी भी गिर रहा है। इस गुफा को चार स्थानीय युवाओं ने खोजा है इसको और महाकालेश्वर गुफा (Mahakaleshwar cave) नाम दिया गया है। दरअसल बीते रविवार को गंगोलीहाट के गंगावली वंडर्स ग्रुप के सुरेंद्र सिंंह बिष्ट, ऋषभ रावल, भूपेश पंत और पप्पू रावल ने इस गुफा को खोजा और गुफा के आकार को देखते हुए दंग रह गए। चारों गुफा में तकरीबन दो सौ मीटर भीतर तक पहुंचे। सुरेंद्र के मुताबिक प्रवेश करते ही पहले वे करीब 35 फीट गहराई में उतरे। फिर प्राकृतिक रूप से बनी करीब आठ फीट की सीढिय़ां मिली। आगे बढ़ने पर इसी तरह आठ तल तक सीढ़ी और समतल भाग से होकर आगे बढ़े। इसमें नौवां तल भी है लेकिन वहां पहुंच नहीं सके। सुरेंद्र सिंह ने बताया कि उनके पास प्रकाश के लिए कम रोशनी वाले टार्च थे और रस्सी आदि नहीं होने से वे नौंवे तल तक नहीं पहुंच सके। गुफा करीब 200 मीटर लंबी है।
यहां की चट्टानों पर पौराणिक आकृतियां उभरी हुई हैं और शिवलिंग की आकृति पर चट्टान से पानी टपक रहा है। इसके अलावा शेषनाग व अन्य पौराणिक देवी, देवताओं के चित्र भी यहां उभरे हैं। यह अब तक मिली गुफाओं में सबसे बड़ी है। गंगोलीहाट के युवा ऋषभ रावल को गुफा की मौजूदगी के बारे में करीब एक साल पूर्व जानकारी मिली थी। तब से ही भी अपने साथियों के साथ इस गुफा को ढूंढने का प्रयास कर रहे थे। वहीं प्रभारी क्षेत्रीय पुरातत्व इकाई, अल्मोड़ा डा. चंद्र सिंह चौहान ने बताया कि पिथौरागढ़ में हाटकालिका मंदिर के समीप पाताल भुवनेश्वर गुफा की तरह ही नई गुफा खोजे जाने की सूचना मिली है। विभागीय टीम मौके पर जाएगी और इस पर शोध शुरू किया जाएगा। रविवार को गुफा खोजने वाले युवाओं ने इस गुफा को महाकालेश्वर नाम दिया है। बता दें कि गंगावली क्षेत्र के शैल पर्वत शिखर पर मानस खंड में 21 गुफाओं का जिक्र है। जिसमें से दस गुफाओं का पता चल चुका है।