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उत्तराखंड के स्कूलों में पढ़ाए जाएंगे वेद-पुराण, जानिए कैसी होगी नई शिक्षा नीति

Uttarakhand new education policy का उद्देश्य छात्रों को संस्कृति और समृद्ध ज्ञान परंपरा से जोड़े रखना है। आप भी जानिए उत्तराखंड की नई शिक्षा नीति
May 5 2022 5:40PM, Writer:कोमल नेगी

इंग्लिश मीडियम स्कूलों के बढ़ते वर्चस्व के बीच राज्य सरकार छात्रों को वेद पढ़ाने की तैयारी कर रही है।

Uttarakhand new education policy

इस पहल का उद्देश्य छात्रों को संस्कृति और समृद्ध ज्ञान परंपरा से जोड़े रखना है। सिर्फ वेद ही नहीं छात्रों को पुराण, उपनिषद, गीता और रामायण जैसे ग्रंथों को पढ़ने का भी अवसर मिलेगा। इन्हें स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा। दून विश्वविद्यालय में हुए एक कार्यक्रम में प्रदेश के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि छात्रों को अपनी संस्कृति और समृद्ध ज्ञान परंपरा के बारे में जानकारी होनी चाहिए। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए इन ग्रंथों की सामग्री को शैक्षिक पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने पर विचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में स्कूल पाठ्यक्रम राज्यों को तैयार करना है। आगे पढ़िए

हालांकि शिक्षा मंत्री ने ये भी साफ किया कि इस बारे में कोई भी निर्णय लेने से पहले आम लोगों और अभिभावकों के भी सुझाव लिए जाएंगे। उधर, मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के इस सुझाव पर कांग्रेस ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है। उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कटाक्ष करते हुए कहा कि अपनी संस्कृति के बारे में पढ़ाए जाने में कोई बुराई नहीं है, लेकिन अच्छा होगा कि शिक्षा मंत्री इससे पहले खुद प्रदेश की शख्सियतों का अध्ययन कर लें। करन माहरा बोले कि वेद, संस्कृति से हमारा कोई विरोध नहीं है। जो इन्हें पढ़ना चाहता है, उसे यह मौका मिलना चाहिए, लेकिन जबरदस्ती कुछ नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को रोजगार परक शिक्षा पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए, जिससे बच्चे अपनी आजीविका कमा सकें। वेद-पुराण पढ़ाने से पहले उत्तराखंड के छात्रों को प्रदेश के बारे में पूरी जानकारी देनी चाहिए।


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