पहाड़ के सचेन्द्र का सपना पूरा हुआ..सेना में बना अफसर, 1962 और 65 की जंग लड़ चुके हैं दादा
सचेंद्र के दादा चंदन सिंह पवार 4 कुमाऊं बटालियन में सूबेदार के पद पर अपनी सेवाए दे चुके हैं। पढ़िए पूरी खबर
Jun 11 2022 2:24PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
अल्मोड़ा के सचेंद्र पंवार अब सेना में लेफ्टिनेंट बन गए।
Almora Sachendra Panwar became lieutenant
दादा से मिली प्रेरणा के बूते आज इस सपूत ने भी कंधे पर सितारे सजा लिए हैं। सचेंद्र के पिता यशवंत पवार बजाज अलियांज़ में सैल्स मैनेजर है। इसके अलावा उनकी माता दीपा पंवार गृहणी हैं। सचेंद्र सिंह ने अपनी सफलता का श्रेय अपने दादाजी, माता पिता, परिवार ऐवं गुरुजनों को दिया है। यहां आपको ये भी बता दें कि सचेंद्र के दादा चंदन सिंह पवार 4 कुमाऊं बटालियन में सूबेदार के पद पर अपनी सेवाए दे चुके हैं। चन्दन सिंह पंवार भारतीय सेना में वर्ष 1956 में भर्ती हुए। 28 वर्ष तक भारतीय सेना में सेवा करने के बाद वह सूबेदार पद से सेवानिवृत हुए। चंदन सिंह ने 1959 में शांति वार्ता के लिए गाजा की विदेश यात्रा भी की। वो 1961 में गोवा ऑपरेशन,1962 में चाईना ऑपरेशन,सन 1965 में पश्चिमी पाकिस्तान युद्ध ,1971 में पूर्वी पाकिस्तान से हुए युद्ध में भारतीय सेना के अंग रहे। भारत के के छठे राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने चंदन सिंह पवार को राष्ट्रपति पुरुस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। सचेंद्र सिंह पवार के सेना में लेफ्टिनेंट बनने पर उनके घर व मोहल्ले में हर्ष का माहौल है। उनकी सफलता पर नगर के गणमान्य लोगों, मित्र जनों ने खुशी जताई है