उत्तराखंड में एक विवाह ऐसा भी: सर्वगुण संपन्न बेटी ने मूक-बधिर दिव्यांग संग लिए 7 फेरे
अभिषेक की शादी के दौरान जब लोगों को यह पता चला कि दुल्हन अनुग्रह मूक-बधिर न होकर सामान्य हैं, तो वो हैरान रह गए।
Jun 16 2022 6:00PM, Writer:कोमल नेगी
हमारा समाज दिव्यांगों और मूक-बधिरों के कल्याण की बातें तो करता है, लेकिन जब किसी दिव्यांग शख्स को जीवन का हिस्सा बनाने की बात आती है तो सारे आदर्श धरे के धरे रह जाते हैं।
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लोग मूक-बधिरों से सहानुभूति तो जता सकते हैं, लेकिन उन्हे जिंदगी का हिस्सा नहीं बना सकते, कड़ुवा है, लेकिन सच यही है। मतलबपरस्ती के इस दौर में शादी करते वक्त भी हर कोई नफा-नुकसान का ध्यान रखता है, लेकिन नैनीताल की अनुग्रह त्यागी अलग ही मिट्टी की बनी हुई हैं। अनुग्रह ने तमाम सोशल टैबूज को तोड़ते हुए अभिषेक बिष्ट से शादी की है, अभिषेक मूक-बधिर हैं। वो उत्तरकाशी के बड़कोट क्षेत्र के रहने वाले हैं। जबकि अनुग्रह त्यागी नैनीताल जिले के भवाली की रहने वाली हैं। बीते दिनों अनुग्रह और अभिषेक की शादी धूमधाम से हुई। अनुग्रह त्यागी सांकेतिक भाषा की शिक्षिका हैं। उन्होंने नंदगांव निवासी अभिषेक को जीवनसाथी चुना है। नंदगांव में रहने वाले सूबेदार प्रमोद बिष्ट की दोनों संताने आभा और अभिषेक जन्म से ही मूक-बधिर हैं। दोनों बोल-सुन नहीं सकते, लेकिन प्रमोद ने समाज के तानों की परवाह न करते हुए दोनों बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाई।
आज उनके दोनों बच्चे मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब कर रहे हैं। आभा की दिल्ली में शादी हुई है। बीते दिनों अभिषेक भी अनुग्रह संग विवाह बंधन में बंध गए। अभिषेक की शादी के दौरान जब लोगों को यह पता चला कि दुल्हन अनुग्रह मूक-बधिर न होकर सामान्य हैं, तो वो हैरान रह गए। लोगों ने दुल्हन की हिम्मत की दाद दी, उनकी सोच को सराहा। अनुग्रह ने बताया कि साल 2018 में जब वो पहली बार अभिषेक से मिली थीं तो उन्हें ऐसा बिल्कुल नहीं लगा कि वो दोनों अलग हैं। वो कहती हैं कि हमारी सिर्फ भाषा अलग थी, जो कि सांकेतिक है। अभिषेक को जीवनसाथी बनाने का फैसला लेने पर लोगों का कहना था, कि तुम परेशान हो जाओगी, लेकिन मुझे कोई फर्क नहीं पड़ा। आज हम विवाह बंधन में बंधकर नए जीवन की शुरुआत करने जा रहे हैं, ईश्वर और परिजनों का आशीर्वाद हमारे साथ है, हमारे लिए बस यही काफी है।