image: Vehicular movement closed on Kotdwar Sukhro river bridge

कोटद्वार में उफान पर आई नदी तो धंसने लगा पुल, बंद की गई आवाजाही

जिस सुखरो नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त हुआ है, वहां बीती रात जेसीबी मशीन लगाकर खनन किया जा रहा था। यहां खनन माफिया ने पुल की बुनियाद तक खोद दी।
Sep 5 2022 7:38PM, Writer:कोमल नेगी

उत्तराखंड में पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश आफत का सबब बनी हुई है। बीते दिनों देहरादून में सौंग नदी पर बना पुल भारी बारिश की भेंट चढ़ गया था, अब ऐसी ही तस्वीरें पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार से आई हैं।

Kotdwar Sukhro river bridge

यहां भारी बारिश के दौरान सुखरो नदी उफान पर आ गई। शुक्रवार सुबह करीब बजे सुखरो नदी पर बने पुल का एक पिलर धंसने लगा जिससे पुल क्षतिग्रस्त हो गया। खतरे को देखते हुए प्रशासन ने पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही रुकवा दी। पुल का पिलर धंसने के लिए बारिश के साथ-साथ सरकारी विभाग की जिम्मेदार हैं। दरअसल सुखरो नदी में बीते वर्ष रिवर ट्रेनिंग के नाम पर जमकर खनन हुआ। राजस्व विभाग की ओर से सुखरो नदी में रीवर ट्रेनिंग के पट्टे जारी किए गए, वहीं मालन व सुखरो नदियों में वन क्षेत्र के अंतर्गत रीवर चैनेलाइजेशन के नाम पर खनन किया गया।

वन महकमे के अधिकारी भी वन भूमि पर धड़ल्ले से चल रहे खनन को देखकर अनजान बने रहे। खैर थोड़े वक्त बाद रिवर ट्रेनिंग के नाम पर चल रहा खनन कार्य तो बंद हो गया। लेकिन क्षेत्र की नदियों में अवैध खनन अब भी जारी है। जिस सुखरो नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त हुआ है, वहां बीती रात जेसीबी मशीन लगाकर खनन किया जा रहा था। खनन माफिया ने प्रशासन की कथित मिलीभगत से यहां पुल की बुनियाद तक खोद दी। पुल से लगातार ओवर लोडेड खनिज से लदे डंपर गुजरते रहे। लोनिवि दुगड्डा इकाई ने इस बारे में डीएम और आयुक्त को कई बार लेटर भी लिखे, जिनमें अवैध खनन पर रोक लगाने की मांग की गई थी, लेकिन अधिकारियों की नींद नहीं टूटी। इस लापरवाही का नतीजा सबके सामने है। साल 2010 में जिस पुल का लोकार्पण हुआ था, वो अब भारी बारिश के दौरान क्षतिग्रस्त हो गया है।


View More Latest Uttarakhand News
View More Trending News
  • More News...

News Home