उत्तराखंड में घातक Falciparum virus की एंट्री, 10 साल का बच्चा पॉजिटिव..जानिए इसके लक्षण
राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश में भर्ती falciparum virus से संक्रमित इस बालक को फिलहाल घर भेज दिया गया है, लेकिन वह अभी स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में रहेगा।
Sep 13 2022 10:19AM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
ऋषिकेश में एक दस साल के बच्चे में मलेरिया के घातक वायरस फाल्सीपेरम की पुष्टि हुई है।
falciparum virus in Uttarakhand
पीड़ित बच्चा रानीपोखरी क्षेत्र में रहता है। फिलहाल राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश में भर्ती इस बालक को घर भेज दिया गया है, लेकिन वह अभी विभाग की निगरानी में रहेगा। जानकारी के मुताबिक पीड़ित बच्चे को लगातार बुखार आ रहा था। जब बच्चे के ब्लड की जांच की गई तो उसमें सामान्य मलेरिया की बजाय घातक मलेरिया के लक्षण पाए गए। डॉक्टरों के मुताबिक बालक के रक्त में प्लाज्मोडियम के साथ फाल्सीपेरम की पुष्टि हुई है। उत्तराखंड में इस तरह का मलेरिया नहीं पाया जाता। चिकित्सालय प्रशासन की ओर से संबंधित मामले की जानकारी जिला चिकित्सालय प्रशासन को भेज दी गई है। बच्चे का अस्पताल में करीब 4 दिन तक इलाज चला, स्वास्थ्य में सुधार होने के बाद बीते शुक्रवार को उसे घर भेज दिया गया।
falciparum virus symptoms
बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विकास घिल्डियाल ने बताया कि ट्रैवल हिस्ट्री की जांच के दौरान बच्चे के बुलंदशहर से ऋषिकेश आने की बात पता चली। उत्तर प्रदेश क्षेत्र में यह बीमारी अधिक पाई जाती है। हो सकता है कि बुलंदशहर में ही बच्चा वायरस के संपर्क में आया हो। यह वायरस मरीज के दिमाग में असर डालता है, और अत्यधिक घातक होता है। ये लाल रक्त कोशिकाओं को तेजी के साथ खंडित करता है। यह खतरनाक वायरस सामान्य मच्छर के जरिये भी अन्य लोग में संक्रमण फैला सकता है, इसलिए सावधान रहना जरूरी है। विशेषज्ञों के अनुसार फाल्सीपेरम वायरस प्लाज्मोडियम की सबसे घातक प्रजाति है। जो मनुष्यों में घातक मलेरिया का कारण बनती है। वायरस मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से मनुष्य के शरीर में प्रवेश करता है। यह सभी मलेरिया मामलों के लगभग 50 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है। साल 2014 में बहादराबाद हरिद्वार में इस वायरस से एक बालिका की मृत्यु हो गई थी।