ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रूट पर कब चलेगी पहली ट्रेन? कितने स्टेशन, कितनी हैं सुरंग? 2 मिनट में जानिए
रेल विभाग ने बताया कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग परियोजना का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके अलावा उत्तराखंड में चार अन्य रेल लाइनों के सर्वे का काम भी पूरा हो चुका है।
Sep 22 2022 4:40PM, Writer:कोमल नेगी
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना उत्तराखंड के विकास में मील का पत्थर साबित होगी।
Rishikesh Karnprayag Rail Network
करीब 16,216 करोड़ की लागत से बन रही रेल परियोजना का निर्माण 31 दिसंबर 2024 तक पूरा हो जाएगा। ये जानकारी रेल विकास निगम के अधिकारियों ने एक आरटीआई के जवाब में दी। काशीपुर निवासी आरटीआई कार्यकर्ता नदीमउद्दीन ने रेल मंत्रालय से उत्तराखंड की नई रेल लाइनों के संबंध में सूचनाएं मांगी थीं। जवाब में रेल विकास निगम के मुख्य परियोजना प्रबंधक के लोक सूचना अधिकारी ने बताया कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग ब्रॉड गेज पर 126 किमी लंबी रेल लाइन परियोजना का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके अलावा उत्तराखंड में चार अन्य रेल लाइनों के सर्वे का काम भी पूरा हो चुका है। चारधाम यात्रा मार्ग पर एफएलएस कार्य के तहत (गंगोत्री-यमुनोत्री) 122 किमी डोईवाला-उत्तरकाशी-बड़कोट, (केदारनाथ-बदरीनाथ) कर्णप्रयाग-साईकोट, सोनप्रयाग 91 किमी, साईकोट-जोशीमठ 86 किमी, साईकोट से पीपलकोटी 21 किमी अंतिम स्थान निर्धारण संबंधी सर्वे कार्य पूरा किया गया है।
Rishikesh Karnprayag Rail Network Length
ऋषिकेश-कर्णप्रयाग लाइन के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि इस रेललाइन की कुल लंबाई 125.172 किमी में से 5.770 किमी का कार्य पूर्ण हो चुका है। मुख्य सुरंगों की 104 किमी लंबाई में से 24 किमी का कार्य किया जा चुका है। जबकि स्केप सुरंगों की कुल लंबाई 97.7 किमी में से 26 किमी का कार्य कराया जा चुका है। इस रूट पर प्रस्तावित 12 स्टेशनों में से एक नए स्टेशन का काम पूरा हो चुका है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग लाइन नौ पैकेजों में विभाजित है। यह परियोजना पूरी होने की तिथि 31 दिसंबर 2024 है।
Rishikesh Karnprayag Rail Network Stations
बता दें कि परियोजना के तहत योगनगरी ऋषिकेश, शिवपुरी, ब्यासी, देवप्रयाग, जनासू, मलेथा, श्रीनगर, धारी देवी, तिलनी, घोलतीर, गौचर, सिवाई-कर्णप्रयाग में रेलवे स्टेशन बनेंगे। निर्माण के दौरान रेल विकास निगम की ओर से श्रीनगर गढ़वाल और कर्णप्रयाग में रेलवे स्टेशन के निर्माण के साथ ही मालगोदाम बनाए जाएंगे।