फ्रीडम फाइटर के परिवार ने दिखाया सिस्टम को आईना, अपने दम पर पहाड़ की चोटी पर पहुंचाया पानी
स्वंतत्रता सेनानी के परिवार ने प्रशासन को दिखा दिया आइना, अपनी मेहनत से पहाड़ की चोटी पर स्थित मंदिर में पहुंचा दिया पानी
Sep 30 2022 2:20PM, Writer:कोमल नेगी
मन के हारे हार है, मन के हारे जीत।यह कथन इस खबर पर फिट बैठता है।
Freedom fighter family brought water to mountain in Pithoragarh
यह पॉजिटिव खबर पिथौरागढ़ से सामने आ रही है। यहां पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. कृष्णानंद उप्रेती के परिवार ने पिथौरागढ़ नगर के पश्चिमी छोर में ऊंची पहाड़ी पर स्थित प्रसिद्ध कौशल्या देवी मंदिर में पेयजल के लिए खुद के संसाधनों से लिफ्ट वेल बनाकर शासन-प्रशासन को आइना दिखाने का काम किया है। उन्होंने शारदीय नवरात्र से पहले मंदिर परिसर तक वेल से पानी लिफ्ट कर पहुंचा दिया गया। सोमवार को प्रथम नवरात्र पर विधिवत रूप से पेयजल सुचारू किया गया। मंदिर परिसर में पेयजल उपलब्ध होने से अब स्थानीय ग्रामीणों व श्रद्धालुओं को पेयजल संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। मंदिर में पेयजल पहुंचने से ग्रामीणों ने खुशी जताई है। दरअसल जिला मुख्यालय के नजदीकी ग्राम पंचायत हुड़ेती के प्रसिद्ध कौशल्या देवी मंदिर में अभी तक पेयजल की कोई योजना नहीं बनी है। ग्रामीण कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से मंदिर में पेयजल पहुंचाने का समाधान ढूंढने की गुहार लगा चुके हैं मगर किसी ने भी अब तक इस ओर ध्यान नहीं दिया। इस मंदिर में पहुंचने के लिए जीआइसी-सुकौली मोटर मार्ग से करीब 400 मीटर ऊंची खड़ी चढ़ाई पार करनी पड़ती है। मंदिर में वर्ष भर ग्रामीणों की ओर से विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाते हैं, पर नवरात्र पर मंदिर में भीड़-भाड़ कुछ अधिक रहती है।
हुड़ेती गांव के ग्रामीणों की ओर से नवरात्र की नवमी पर मंदिर में विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है, लेकिन पेयजल नहीं होने से ग्रामीणों को मजदूरों के सहारे दूरदराज से पेयजल की व्यवस्था करनी पड़ती है। पेयजल संकट के चलते यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है।मंदिर में पेयजल समस्या के समाधान को लेकर ग्रामीणों की ओर से कई बार शासन-प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई जा चुकी है, लेकिन किसी ने भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। जिसके बाद हुड़ेती गांव के ही स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. कृष्णानंद उप्रेती के पुत्र हेम चंद्र उप्रेती के परिवार ने खुद के संसाधनों से मंदिर में पेयजल व्यवस्था करने का निर्णय लिया। उप्रेती परिवार ने सर्वप्रथम मंदिर गेट के निकट कुआं खोदने का प्रयास किया। बात नहीं बनने पर उन्होंने मंदिर परिसर से करीब सौ मीटर नीचे कुआं खोदने का कार्य किया गया। इस बार उनका यह प्रयास सफल रहा और करीब सौ फिट की गहराई के बाद कुएं में लबालब पानी भर गया। इसके बाद कुएं के पास एक टंकी बनाई गई और पानी को सौ मीटर लिफ्ट करने के लिए दो इलेक्ट्रानिक जल पंप भी लगाए गए। बीते रोज मंदिर परिसर तक पाइपलाइन बिछाकर तीन संयोजन भी जोड़ दिए गए हैं। सोमवार को प्रथम नवरात्र पर मंदिर परिसर में विधिवत रूप से पेयजल का शुभारंभ किया गया।