‘लोगों ने मेरे पिताजी को नहीं छोड़ा तो मेरी क्या हैसियत’..जानिए स्पीकर ऋतु खंडूरी ने ये क्यों कहा
लोगों ने स्पीकर के निजी स्टाफ की लिस्ट शेयर करते हुए उनकी मंशा पर सवाल उठाए हैं। लोगों ने कहा कि क्या उत्तराखंड में एक भी ऐसा व्यक्ति नहीं, जिन्हें इन पदों पर तैनात किया जा सकता था?
Sep 30 2022 2:37PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड में विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में धांधली को लेकर सियासत गरमाई हुई है। बीते दिनों विधानसभा में हुई नियुक्तियों को लेकर भी खूब बवाल हुआ। जिसके बाद जांच के लिए एक समिति बनानी पड़ी।
Speaker Ritu Khanduri statement
ये विवाद खत्म भी नहीं हुआ था कि अब विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के निजी स्टाफ में राज्य के बाहर के लोगों को नियुक्त करने पर विवाद शुरू हो गया है। उनके स्टाफ के कर्मचारियों की सूची सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। सोशल मीडिया पर लोग स्थानीय की बजाय बाहरियों को नियुक्ति दिए जाने पर सवाल उठा रहे हैं। इस सूची में अलग-अलग राज्यों के लोगों को उनके स्टाफ में विभिन्न पदों पर दर्शाया गया है। यह सूची सोशल मीडिया पर आते ही बड़ी संख्या में लोग हमलावर हो गए। लोगों ने सूची शेयर करते हुए स्पीकर की मंशा पर सवाल उठाए। लोगों ने कहा कि क्या उत्तराखंड में एक भी ऐसा व्यक्ति नहीं, जिन्हें इन पदों पर तैनात किया जा सकता था? वहीं पूरे मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि यह मेरा पर्सनल स्टाफ है। मेरे स्टाफ में पहाड़ के भी लोग हैं लेकिन सूची में उनका नाम नहीं है। कोई नहीं, मैं बचाव भी नहीं कर रही हूं। मैंने जिन लोगों को स्टाफ में रखा है, उनको तीस से चालीस साल का अनुभव है। सरकारी कामकाज के लिए अनुभवी लोग चाहिए। अभी इतना बड़ा काम किया है तो कुछ लोग मुझे भी तो हिट करेंगे। आगे पढ़िए
स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि मेरा मन साफ है, मैं कोई घबराने या डरने वाली महिला नहीं हूं। मेरा उद्देश्य राजनीति से ज्यादा समाज सेवा है। खैर, लोगों ने मेरे पिताजी को नहीं छोड़ा तो मेरी क्या हैसियत है। बता दें कि पिछले दिनों स्पीकर खंडूड़ी ने वर्ष 2016 के बाद विधानसभा में बैकडोर से नियुक्त कर्मचारियों को बाहर करने का साहसिक फैसला लिया। उनके इस फैसले की जमकर सराहना हो रही थी। पर अब खुद उनके ही निजी स्टाफ के कर्मचारियों की एक सूची वायरल हो रही है। जिसके जरिए उन्हें घेरने की कोशिश की जा रही है। स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि विधानसभा में कर्मचारियों की नियुक्ति पारदर्शी तरीके से करने के लिए सख्त नियम बनाए जाएंगे ताकि भविष्य में भर्तियों पर विवाद न हो। विस में पदों की रिस्ट्रक्चरिंग कराई जा रही है और जरूरत के अनुसार पद सृजित कर कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी।