गढ़वाल: ‘द्रौपदी’ ने दिखाया रौद्र रूप, काल के गाल में समाई लोंथरू गांव की रिकॉर्डधारी बेटी
एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल Savita Kanswal उत्तराखंड का गौरव थीं। Draupadi ka Danda में avalanche की वजह से उनकी मौत हो गई।
Oct 7 2022 1:41PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
उत्तरकाशी में हुए हादसे में देश ने अपनी एवरेस्ट विजेता पर्वतारोही को असमय ही खो दिया। उच्च हिमालयी क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए निकला 58 पर्वतारोहियों का दल मंगलवार सुबह हिमस्खलन की चपेट में आ गया था।
avalanche in Draupadi ka Danda Savita Kanswal dies
इस हादसे में जिन लोगों की दुखद मौत हुई है, उनमें लोंथरु गांव की निवासी पर्वतारोही सविता कंसवाल भी शामिल हैं। निम हादसे मे जान गंवाने वाली सविता ने इसी साल मई माह में 15 दिन के अंदर एवरेस्ट और माउंट मकालू पर्वत सफल आरोहण कर नेशनल रिकॉर्ड अपने नाम किया था। मंगलवार सुबह द्रौपदी का डांडा चोटी में निम के एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स में गए प्रशिक्षकों में शामिल पर्वतारोही सविता की एवलांच में दबने से मौत हो गई। सविता नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की एक कुशल प्रशिक्षक थीं। आगे पढ़िए
इसी साल 12 मई को सविता ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8848 मीटर) पर तिरंगा फहराया था। इसके 15 दिन बाद सविता ने माउंट मकालू (8463 मीटर) पर भी सफल आरोहण किया था। उनकी सफलता से उनके क्षेत्र और जनपदभर में खुशी की लहर थी। वहीं मंगलवार देर शाम सविता की मौत की खबर आने के बाद उनके गांव सहित पूरे जिले में शोक की लहर फैल गई। देर शाम निम के प्रधानाचार्य अमित बिष्ट ने Draupadi ka Danda Avalaunch हादसे में एवरेस्ट विजेता सविता कंसवाल की मौत की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि सविता ने नेहरु पर्वतारोहण संस्थान से एडवांस और सर्च एंड रेस्क्यू कोर्स के साथ पर्वतारोहण प्रशिक्षक का कोर्स किया था। Savita Kanswal जिले की एक उभरती हुई पर्वतारोही थी। जिन्होंने बेहद कम समय में पर्वतारोहण के क्षेत्र में अपना नाम बनाया था।