बदल जाएगा उत्तराखंड के खूबसूरत शहर लैंसडौन का नाम, नया नाम भी जान लीजिए!
अगर रक्षा मंत्रालय ने प्रस्ताव पर अमल किया तो पौड़ी जिले में स्थित सैन्य छावनी क्षेत्र लैंसडौन का नाम फिर ‘कालौं का डांडा (काले बादलों से घिरा पहाड़)’ हो जाएगा।
Oct 27 2022 9:14PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड के लैंसडौन का नाम बदलने की तैयारी की जा रही है।
lansdowne name may change
अगर रक्षा मंत्रालय ने प्रस्ताव पर अमल किया तो पौड़ी जिले में स्थित सैन्य छावनी क्षेत्र लैंसडौन का नाम फिर ‘कालौं का डांडा (काले बादलों से घिरा पहाड़)’ हो जाएगा। जी हां,132 साल पुराने लैंसडौन नाम को बदलने की तैयारी है। रक्षा मंत्रालय के आर्मी हेड कवार्टर ने सब एरिया उत्तराखंड से ब्रिटिशकाल में छावनी क्षेत्रों की सड़कों, स्कूलों, संस्थानों, नगरों और उपनगरों के रखे नामों को बदलने के लिए प्रस्ताव मांगें हैं। रक्षा मंत्रालय ने उनसे ब्रिटिशकाल के समय के नामों के स्थान पर क्या नाम रखे जा सकते हैं, इस बारे में भी सुझाव देने को कहा गया है। इसी के तहत लैंसडौन छावनी ने इसका नाम ‘कालौं का डांडा’ रखने का प्रस्ताव भेजा है। पहले इसे ‘कालौं का डांडा’ पुकारा जाता था। ब्रिटिश काल में इसको लैंसडौन नाम दिया गया।
आज़ादी के बाद स्थानीय लोग इसका पुराना नाम रखने की मांग वर्षों से करते आए हैं। रक्षा मंत्रालय को भी इस बाबत कई पत्र भेजे जा चुके हैं।लैंसडौन क्षेत्र का इतिहास बेहद रोचक है। 1886 में गढ़वाल रेजीमेंट की स्थापना हुई। पांच मई 1887 को ले.कर्नल मेरविंग के नेतृत्व में अल्मोड़ा में बनी पहली गढ़वाल रेजीमेंट की पलटन चार नवंबर 1887 को लैंसडौन पहुंची। उस समय लैंसडौन को कालौं का डांडा कहते थे। 21 सितंबर 1890 तत्कालीन वायसराय लार्ड लैंसडौन के नाम पर लैंसडौन रखा गया।आज़ादी के बाद समय-समय पर क्षेत्र के लोग नाम बदलने की मांग करते रहे। केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने जानकारी देते हुए कहा कि परिस्थितियों को देखकर लैंसडौन के नाम को बदलने के प्रस्ताव पर रक्षा मंत्रालय द्वारा विचार किया जा रहा है।