उत्तराखंड के हिन्दी मीडियम छात्रों के लिए अच्छी खबर, अब हिन्दी मीडियम में भी होगा MBBS
देश में लाखों बच्चे डॉक्टर बनने का सपना देखते हैं, लेकिन इसे पूरा कुछ ही लोग कर पाते हैं, जिसकी एक बड़ी वजह ये है कि मेडिकल की पढ़ाई सिर्फ अंग्रेजी में होती है।
Nov 6 2022 8:15PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
बचपन में जब भी ये सवाल पूछा जाता था कि बड़े होकर क्या बनोगे, तो हम झट से कह देते थे डॉक्टर...बनें भले ही कुछ भी, लेकिन डॉक्टर बनना हमेशा से एक सपना हुआ करता था।
Hindi Medium MBBS in Uttarakhand
लाखों बच्चे डॉक्टर बनने का सपना देखते हैं, लेकिन इसे पूरा कुछ ही लोग कर पाते हैं, जिसकी एक बड़ी वजह ये है कि देश में आज भी लाखों बच्चे हिंदी मीडियम स्कूलों में पढ़ते हैं और मेडिकल की पढ़ाई अंग्रेजी में होती है। ऐसे बच्चों को अब अंग्रेजी से घबराने की जरूरत नहीं है। प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में अगले सत्र से एमबीबीएस कोर्स की पढ़ाई हिंदी में कराई जाएगी। एमपी में इसकी शुरुआत हो चुकी है। अब उत्तराखंड में भी ये व्यवस्था लागू होने वाली है। इसके लिए राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने पौड़ी जिले के श्रीनगर के राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीएमएस रावत की अध्यक्षता में चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है।
ये कमेटी एमपी के सरकारी कॉलेजों में लागू एमबीबीएस के हिंदी पाठ्यक्रम का अध्ययन कर उत्तराखंड के कॉलेजों के लिए नए पाठ्यक्रम का प्रारूप तैयार करेगी। बता दें कि 16 अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हिंदी भाषा में चिकित्सा शिक्षा प्रदान करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार की एक महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत एमबीबीएस छात्रों के लिए तीन विषयों की हिंदी में पाठ्य पुस्तकें जारी की थीं। इसे लेकर उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि एमपी में शुरुआत हो चुकी है, यूपी में भी हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई को लेकर चर्चा की गई। उत्तराखंड में भी हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई शुरू कराई जाएगी। केंद्र द्वारा हिंदी को विशेष महत्व दिए जाने को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। अन्य सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद अगले सत्र से सरकारी मेडिकल कॉलेजों में हिंदी में एमबीबीएस पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा।