image: Dehradun Haridwar Kashipur Rudrapur Noise Pollution Report

देहरादून, हरिद्वार समेत उत्तराखंड के 4 शहरों का हुआ बुरा हाल, प्रदूषण ने दे दिया रेड सिग्नल

उत्तराखंड के वो शहर, जिन्हें विकास का पैमाना माना जाता है, वहां ध्वनि प्रदूषण चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है।
Dec 8 2022 6:46PM, Writer:कोमल नेगी

प्रदूषण हमारी जिंदगी में जहर घोल रहा है। सिर्फ वायु प्रदूषण ही नहीं चारों तरफ मचा शोर भी हमारी हेल्थ पर सीधा असर डाल रहा है।

Noise Pollution Report uttarakhand

तेज धुन से बजने वाले डीजे, तेज हॉर्न, वाहनों का शोर और यहां तक वो ईयर फोन जिसे कान में ठूंसकर आप घंटों गाने सुनते या बतियाते हैं, वो भी आपके सुनने की क्षमता को प्रभावित कर रहे हैं। उत्तराखंड के वो शहर, जिन्हें विकास का पैमाना माना जाता है, वहां भी ध्वनि प्रदूषण चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है। उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट ने हाल ही में ध्वनि प्रदूषण को लेकर नए आंकड़े जारी किए हैं, जो कि निश्चित रूप से डराने वाले हैं। ध्वनि प्रदूषण को लेकर किस जिले का क्या हाल है, यह भी जान लें। सबसे खराब स्थिति ऊधमसिंहनगर जिले के रुद्रपुर और काशीपुर की है। यहां के प्रमुख चौराहों में सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण दर्ज किया गया है। इसी तरह राजधानी देहरादून में सर्वे चौक और दून अस्पताल के पास सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषण दर्ज किया गया है। आगे पढ़िए पूरी रिपोर्ट

देहरादून में सर्वे चौक पर 80.45 और दून हॉस्पिटल के पास 78.52 डेसिबल औसत ध्वनि लेवल दर्ज किया गया है। ये हाल तब है जबकि दून हॉस्पिटल शांत क्षेत्र में आता है। यहां अधिकतम ध्वनि लेवल सुबह 6 से रात 10 बजे तक 50 और रात 10 बजे से सुबह 6 छह बजे तक अधिकतम 40 डेसिबल होना चाहिए। हरिद्वार में भी ध्वनि प्रदूषण बढ़ रहा है। यहां सिडकुल में औसतन अधिकतम ध्वनि लेवल 75.35 और ऋषिकेश चौक हरिद्वार में अधिकतम 75.71 डेसिबल है। आपको बता दें कि उत्तराखंड में सुबह 6 से रात 10 बजे तक किसी भी जोन में अधिकतम ध्वनि सीमा 75 डेसिबल तय है। जबकि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक अधिकतम 70 डेसिबल है। उधर, बोर्ड ने जो आंकड़े जारी किए हैं, उसके अनुसार रुद्रपुर के डीडी चौक में ध्वनि लेवल 89.15 डेसिबल रिकॉर्ड किया गया। जो कि औद्योगिक क्षेत्र की अधिकतम सीमा से 14.15 डेसिबल ज्यादा है। काशीपुर के एमपी चौक में भी औसत ध्वनि लेवल 88.9 डेसिबल रिकॉर्ड किया गया है। इस तरह रुद्रपुर-काशीपुर ध्वनि प्रदूषण के मामले में पूरे प्रदेश में टॉप पर हैं, जो कि सही नहीं है। एक सीमा से अधिक शोरगुल होने पर लोगों के स्वास्थ्य पर इसका सीधा असर पड़ता है।


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