गढ़वाल: अपना नाम तक नहीं लिख सके सरकारी स्कूल के छात्र, रोकी जाएगी शिक्षकों की सैलरी
अच्छी बात ये है कि शिक्षा अधिकारी ने मामले में तुरंत एक्शन लेते हुए इन बच्चों के पिछड़ जाने के लिए जिम्मेदार रहे छह शिक्षकों का एक माह का वेतन रोक दिया है।
Dec 9 2022 7:24PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों का हाल बुरा है। सरकार बच्चों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने के दावे करते नहीं थक रही, लेकिन हकीकत ये है कि बच्चे क,ख,ग,घ से आगे नहीं बढ़ पा रहे।
Gov school students write their wrong name in uttarkashi
अब उत्तरकाशी का ही मामला ले लें। यहां बीते दिन खंड शिक्षा अधिकारी प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों का निरीक्षण करने पहुंचे तो कई बच्चे अंग्रेजी पढ़ना तो दूर, अंग्रेजी में अपना नाम तक नहीं लिख पाए। अच्छी बात ये है कि शिक्षा अधिकारी ने मामले में तुरंत एक्शन लेते हुए इन बच्चों के पिछड़ जाने के लिए जिम्मेदार रहे छह शिक्षकों का एक माह का वेतन रोक दिया है। इतना ही नहीं निरीक्षण के दौरान दो प्रधानाध्यापक स्कूल से गायब भी मिले। इन के निलंबन की संस्तुति भी की गई है। मामला बडियार क्षेत्र का है। बुधवार को बीईओ अजीत भंडारी ने यहां के प्राथमिक विद्यालय सर, पौंटी, किमडार, डिंगाड़ी व जूनियर विद्यालय सर, डिंगाड़ी, सर बडियार का औचक निरीक्षण किया।
इस दौरान प्राथमिक विद्यालय पौंटी के प्रधानाध्यापक विजेंद्र पाल व प्राथमिक विद्यालय डिंगाड़ी के प्रभारी प्रधानाध्यापक अतोल सिंह विद्यालय से गैरहाजिर मिले। जिस पर उनके निलंबन की संस्तुति उच्च अधिकारियों से की गई है। निरीक्षण के दौरान कई स्कूलों में बच्चे अंग्रेजी में अपना नाम तक नहीं लिख सके। इस मामले ने प्रदेश के सरकारी स्कूलों की पोल खोल दी है। यहां कई सरकारी स्कूलों में शिक्षक नहीं हैं, तो वहीं जहां शिक्षक हैं भी वहां भी बच्चों की पढ़ाई को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा। उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। सर बडियार क्षेत्र के 6 शिक्षकों के खिलाफ वेतन रोकने की कार्रवाई की गई है।