उत्तराखंड के अभिमन्यु को मिला शानदार मौका, रोहित शर्मा की जगह टेस्ट टीम में हुए शामिल
ये मौका हर किसी के लिए गर्वित करने वाला है। खासकर अभिमन्यु के पिता आरपी ईश्वरन के लिए। जिन्होंने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया।
Dec 12 2022 5:14PM, Writer:कोमल नेगी
देश का हर क्रिकेटर टेस्ट जर्सी पहन कर देश के लिए खेलने का सपना देखता है, लेकिन सिर्फ कुछ ही होनहार होते हैं जो इस सपने को पूरा कर पाते हैं।
Uttarakhand Abhimanyu Test debut in place of Rohit Sharma
उत्तराखंड के धाकड़ बल्लेबाज अभिमन्यु ईश्वरन की जिंदगी में भी आखिरकार वो शानदार मौका आ गया है। जब वो देश के लिए खेलने जा रहे हैं। अभिमन्यु ईश्वरन को भारतीय टेस्ट टीम में जगह मिली है। उनकी इस उपलब्धि से क्रिकेट प्रेमियों में खुशी की लहर है। ये पहला मौका होगा जब वो भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय मैच में डेब्यू करेंगे। कप्तान रोहित शर्मा के चोटिल होने के कारण बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए उनको टीम इंडिया में शामिल किया गया है। ये मौका हर किसी के लिए गर्वित करने वाला है। खासकर अभिमन्यु के पिता आरपी ईश्वरन के लिए। जिन्होंने बेटे के सपने को पूरा करने के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया। पिता आरपी ईश्वरन ने कहा कि उन्हें इस पल का बेसब्री से इंतजार था। उन्हें उम्मीद है कि अभिमन्यु टीम इंडिया में शामिल होकर शानदार प्रदर्शन करेंगे। आगे पढ़िए
बता दें कि उत्तराखंड में जन्मे अभिमन्यु घरेलू क्रिकेट में बंगाल टीम के लिए खेलते रहे है।
Abhimanyu Easwaran first class career
वो इंडिया अंडर-19, इंडिया ए, इंडिया बी, रेस्ट ऑफ इंडिया बोर्ड प्रेसिडेंट इलेवन के लिए खेल चुके हैं। वो शानदार बल्लेबाज होने के साथ लेगब्रेक स्पिनर भी हैं। अभिमन्यु ने प्रथम श्रेणी में 78 मैच खेले हैं। उनके नाम 3376 रन हैं। उनका औसत 46.2 और स्ट्राइक रेट 82.2 है। 28 टी-20 मैचों में 38.3 की औसत से उन्होंने 728 रन बनाए हैं। स्ट्राइक रेट 121.5 है। वर्तमान में वह इंडिया-ए टीम के कप्तान हैं। 27 साल के अभिमन्यु ने बांग्लादेश के खिलाफ अंडर-19 में कप्तान के रूप में लगातार दो शतक लगाकर मजबूत दावेदारी पेश की थी। उन्हें इसी प्रदर्शन का इनाम मिला है। 27 वर्षीय अभिमन्यु ने मात्र सात वर्ष की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। प्रथम श्रेणी में उनका एवरेज 44 से अधिक है। उन्हें पिछले साल विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल और इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए स्टैंडबाय में रखा गया था, लेकिन डेब्यू करने का अवसर नहीं मिल सका था।