गढ़वाल से आज की प्रेरणादायक खबर, बेटे के साथ 10वीं बोर्ड की परीक्षा दे रही है 40 साल की मां
40 साल की गुड्डी देवी अपने पढ़ाई के सपने को पूरा कर रही है। इस सपने को पूरा करने में गुड्डी देवी के दोनों बेटे उनका साथ दे रहे हैं।
Mar 19 2023 2:45PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
कहते हैं पढ़ाई करने की कोई उम्र नहीं होती है। जब भी आप जागो तभी नया सवेरा होता है। पढ़ना एक सतत प्रक्रिया है जो जीवन भर खत्म नहीं हो सकती।
Mother giving board exam with son in chamoli
ऐसे ही एक प्रेरक कहानी चमोली जिले से आई है। 40 साल की मां के मन में एक पीस थी और उस पीस को वह अब अपने मन में रहने नहीं देना चाहती। 40 साल की गुड्डी देवी अपने पढ़ाई के सपने को पूरा कर रही है। इस सपने को पूरा करने में गुड्डी देवी के दोनों बेटे उनका साथ दे रहे हैं। गुड्डी देवी अपने दो बेटों के साथ बैठकर इन दिनों दसवीं बोर्ड की परीक्षा दे रही है। गुड्डी देवी की आठवीं के बाद से पारिवारिक वजहों से पढ़ाई नहीं हो पाई। शादी के बाद गुड्डी देवी घर गृहस्ती में फंस गई और 20 साल तक किताबों से दूर रही। इसके बावजूद भी गुड्डी देवी के पढ़ने की ललक खत्म नहीं हुई इस बार की बोर्ड परीक्षाओं में गुड्डी देवी अपने सपने को पूरा कर रही हैं। आगे पढ़िए
हिंदी का पेपर अच्छा गया है और विज्ञान की परीक्षा की वो जमकर तैयारी कर रही है। गुड्डी देवी ने आठवीं की परीक्षा साल 1996 में पास की थी। इसके बाद पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते वो पढ़ाई पूरी नहीं कर पाई और उसके बाद उनकी शादी हो गई। उनके दो बेटे अंशुल और अंकुश अब उनकी पढ़ाई की तरफ फोकस कर रहे हैं। दोनों बेटे पढ़ाई के साथ-साथ मां के पेपर की भी तैयारी करवाते हैं। पति की तरफ से पूरा सहयोग मिल पा रहा है जिसके चलते गुड्डी देवी परीक्षा दे रहे हैं। बड़ा बेटा अंशुल इंटरमीडिएट की परीक्षा दे रहा है तो छोटा बेटा अंकुश दसवीं की परीक्षा दे रहा है। चमोली नंदा नगर के राजकीय आदर्श इंटर कॉलेज बांजबगड़ में उनका परीक्षा केंद्र है। गुड्डी देवी के गांव भी गांव से बांजबगड़ स्कूल करीब 5 किलोमीटर दूर है परीक्षा केंद्र विश्वविद्यालय में बनाया गया है तो परीक्षा देने के लिए मां अपने बेटे के साथ आ रही है। वास्तव में गुड्डी देवी की कहानी प्रेरणादायक है।