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देहरादून में शिफ्ट किए जाएंगे 19 हजार मकान, जानिए क्या है सरकार का मास्टर प्लान

2041 तक के लिए तैयार किए गए मास्टर प्लान में रिस्पना और बिंदाल नदी के किनारे 30 मीटर के दायरे में बने मकानों को शिफ्ट करने की सिफारिश की गई है।
Apr 10 2023 4:57PM, Writer:कोमल नेगी

राजधानी देहरादून की मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट किया जाएगा। उन्हें मालिकाना हक दिए जाने की तैयारी है।

Rispana Bindal houses will be shifted

नियोजन विभाग ने 2041 तक के लिए तैयार मास्टर प्लान में अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम की संस्तुति की है। ताकि मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों के पास अपनी छत हो। उन्हें नदियों के किनारे न रहना पड़े। निकट भविष्य में बस्तियों में बने 19 हजार मकानों को शिफ्ट किया जाएगा। अफोर्डेबल हाउसिंग स्कीम के जरिए स्लम एरिया में रह रहे परिवारों का पुनर्वास किया जाएगा। मास्टर प्लान में 77 स्लम पॉकेट दर्शाए गए हैं। इनमें 19 हजार मकान ऐसे हैं, जो नदी के किनारे या तट भूमि के आसपास बने हैं। नगर निगम के रिकॉर्ड के मुताबिक 16 बस्तियों की भूमि का प्रकार नदी है।

2041 तक के लिए तैयार किए गए मास्टर प्लान में रिस्पना और बिंदाल नदी के किनारे 30 मीटर के दायरे में बने मकानों को शिफ्ट करने की सिफारिश की गई है। शहर के नियोजित विकास के लिए नदियों के किनारे बने मकानों में रह रहे परिवारों का पुनर्वास किया जाना जरूरी है। मलिन बस्तियों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। उत्तराखंड के चीफ टाउन प्लानर शशि मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि मास्टर प्लान में अफॉर्डेबल हाउसिंग स्कीम का प्रावधान किया गया है, मलिन बस्तियों का पुनर्वास उसी का एक भाग है। बता दें कि राजनीतिक दल कई सालों से मलिन बस्तियों को मालिकाना हक दिलाने का आश्वासन दे रहे हैं, दो बार अध्यादेश भी लाया जा चुका है, लेकिन 11500 निर्माण ऐसे भी हैं, जो निजी या सरकारी भूमि पर स्थित हैं। ऐसे में सरकार को इनके नियमितिकरण के लिए ठोस नीति बनानी होगी, तभी लोगों को मालिकाना हक देने का रास्ता साफ हो सकेगा।


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