image: Uttarakhand goljyu temple dry tree

उत्तराखंड के गोल्ज्यू मंदिर में दिखा प्रकृति का चमत्कार, 15 सालों से सूखा पेड़ हरा-भरा हो गया

पुजारी शंकर दत्त व क्षेत्र के लोग पेड़ के वर्षों बाद हरा-भरा होने को ग्वेल देवता की कृपा बता रहे हैं। आगे पढ़िए पूरी खबर
Apr 20 2023 12:49PM, Writer:कोमल नेगी

उत्तराखंड चमत्कारों की भूमि है। प्रकृति का एक ऐसा ही चमत्कार इन दिनों अल्मोड़ा के सोमेश्वर में देखने को मिल रहा है।

Uttarakhand golju temple dry tree story

यहां ग्वेल देवता मंदिर में एक शहतूत का पेड़ लगा है, जो कि 15 वर्षों से सूखा था, लेकिन सालों बाद ये शहतूत का पेड़ एक बार फिर हरा-भरा नजर आने लगा है। पुजारी शंकर दत्त व क्षेत्र के लोग पेड़ के वर्षों बाद हरा-भरा होने को ग्वेल देवता की कृपा मान रहे हैं। पूरे क्षेत्र में ये घटना चर्चा का विषय बनी हुई है। मंदिर के पुजारी शंकर दत्त पाटनी कहते हैं कि शहतूत का यह पेड़ कई वर्षों पहले से मंदिर परिसर में स्थापित है। आगे पढ़िए

400 साल पहले चंद राजाओं ने लोद घाटी में गोलू देवता के मंदिर की स्थापना की थी। मंदिर में प्रतिवर्ष वैशाखी पर्व पर गर्भगृह की पूजा-अर्चना होती है। इसके दूसरे दिन मंदिर परिसर में भव्य मेला लगता है। आश्विन मास की नवरात्र में मंदिर में हरेला बोया जाता है। गोलू देवता मंदिर के गर्भगृह की पूजा-अर्चना होती है, साथ ही विशाल मेला भी लगता है। क्षेत्रीय लोगों के अनुसार मंदिर में लगा शहतूत का पेड़ पिछले 15 सालों से सूख गया था, लेकिन इन दिनों इस पेड़ पर फिर से हरियाली नजर आने लगी है। पुजारी शंकर दत्त व क्षेत्र के लोग पेड़ के वर्षों बाद हरा-भरा होने को ग्वेल देवता की कृपा बता रहे हैं, उन्होंने कहा कि प्रकृति का यह चमत्कार बताता है कि ग्वेल देवता आज भी मंदिर परिसर में विराजमान हैं, और अपने भक्तों को आशीर्वाद दे रहे हैं।


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