उत्तराखंड: इमरजेंसी में नहीं थे डॉक्टर; दो घंटे तक गेट पर तड़पते रहे हादसे में घायल युवक
प्रदेश में समुचित स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का दावा करने वाली सरकार के लिए यह खबर आइना दिखाने वाली है। आप भी पढ़िए
May 9 2023 8:34PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
उत्तराखंड के हरिद्वार में स्थित नारसन में बीती रात को असंवेदनशीलता की सभी हदें पार हो गईं।
Injured youth kept suffering in Haridwar CHC
एक तरफ सरकार यह दावा करती है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधा क्षेत्र में लगातार विकास हो रहा है और सरकार इस पर कड़ी नजर बनाए हुए है तो वहीं दूसरी और ऐसी खबरें सरकार के इन तमाम दावों को झूठा करार करती है। प्रदेश में समुचित स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का दावा करने वाली सरकार के लिए यह खबर आइना दिखाने वाली है। एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक रविवार देर रात सड़क हादसे के घायल बाइक सवार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के बाहर करीब दो घंटे तक तड़पते रहे, लेकिन इलाज के लिए कोई डाक्टर नहीं मिला। जी हां, सरकारी हेल्थ सेंटर और अस्पतालों में अलग-अलग शिफ्ट पर डॉक्टरों की ड्यूटी लगती है मगर कल रात को 2 घंटे तक मरीज अस्पताल के बाहर तड़पता रहा मगर एक भी डॉक्टर उसके इलाज के लिए नहीं आया। ड्यूटी पर तैनात चिकित्सकों के गायब मिलने पर ग्रामीणों ने फोन कर सीएचसी प्रभारी को मौके पर बुलाया। इसके बाद घायलों को प्राथमिक उपचार देने के बाद हायर सेंटर रेफर किया गया।
दरअसल उत्तर प्रदेश के पुरकाजी निवासी अर्जुन और प्रीतम नारसन सीमा के पास पेंटिंग करने का काम करते हैं। रविवार रात लगभग दोनों एक ही बाइक से किसी काम के सिलसिले में नारसन कस्बे में जा रहे थे। इसी दौरान पीछे से आ रहे एक वाहन ने बाइक को टक्कर मार दी थी।हादसे में बाइक सवार दोनों युवक सड़क पर गिरकर घायल हो गए थे। मौके पर ग्रामीण पहुंचे और घायलों को नारसन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे। आश्चर्य तो तब हुआ जब अस्पताल पहुंचने पर कोई डाक्टर और कर्मचारी नहीं मिला। जिस पर ग्रामीणों ने उन्हें अस्पताल के गेट के पास ही लेटा दिया। घायल करीब डेढ़ घंटे तक चिकित्सकों के आने का इंतजार करते रहे, लेकिन कोई चिकित्सक वहां पर नहीं आया। जिसके बाद ग्रामीणों ने अस्पताल में मौजूद पीआरडी जवान से सीएचसी प्रभारी को फोन कराया। आधे घण्टे के बाद एक डॉक्टर आए और दोंनो को प्राथमिक इलाज देने के बाद दोनों घायलों की हालत को गंभीर देखते हुए हायर सेंटर रेफर किया गया है। यह पहली बार नहीं है कि यहां के सीएचसी में ऐसा कुछ हो रहा। कई बार इस तरह की स्थिति बनी है। अस्पताल प्रशासन इस मामले में जांच पड़ताल कर रहा है। प्रशासन का कहना है कि लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों और चिकित्सकों के ऊपर कार्यवाही की जाएगी।