image: Success Story of Pauri Garhwal Anurag Chandola

गढ़वाल के अनुराग ने शहर की नौकरी छोड़ी, गांव लौटे..अब खेती से हो रही है लाखों में कमाई

Pauri Garhwal Anurag Chandola वो दिल्ली में 35 लाख के सालाना पैकेज वाली जॉब करते थे, लेकिन मन पहाड़ में ही अटका रहा। जानिए उनकी सफलता की कहानी
Jun 7 2023 8:51PM, Writer:कोमल नेगी

जीवन में कुछ बड़ा करना है तो रिस्क उठना पड़ेगा।

Success Story of Pauri Garhwal Anurag Chandola

कोटद्वार के रहने वाले इंजीनियर अनुराग चंदोला ने भी कुछ साल पहले एक ऐसा ही रिस्क उठाया था, वो 35 लाख रुपये सालाना पैकेज वाली जॉब छोड़कर उत्तराखंड लौट आए थे और यहां खेती करने लगे। अनुराग ने कड़ी मेहनत की और आज वो सब्जियां उगाकर हर साल लाखों कमा रहे हैं। उन्हें देखकर क्षेत्र के दूसरे युवा भी खेती के लिए आगे आ रहे हैं। अनुराग अपने गृहक्षेत्र में नींबू-अमरूद के साथ पैपरिका व एलपीनो मिर्च और औषधीय गुणों से भरपूर काली हल्दी का उत्पादन कर रहे हैं। इससे अनुराग की अच्छी कमाई हो रही है, साथ ही क्षेत्र के पांच परिवारों को रोजगार भी मिला है। 37 साल के अनुराग पौड़ी के थापली गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने बीटेक करने के बाद लखनऊ से एमबीए किया। साल 2014 में वो दिल्ली की एक बड़ी कंपनी में जॉब करने लगे, लेकिन मन पहाड़ में ही अटका रहा।

जुलाई 2021 में अनुराग ने जॉब छोड़ दी और घर लौटकर खेती करने की तैयारी कर ली। उन्होंने कोटद्वार में 30 बीघा भूमि लीज पर ली। उसमें नींबू और अमरूद के पौधे लगाए। बाद में उन्होंने आधुनिक खेती की ओर बढ़ते हुए वर्ष 2023 की शुरुआत में करीब 10 बीघा में पैपरिका, छह-छह बीघा में एलपीनो व पार्सले और चार बीघा में काली हल्दी की खेती शुरू कर दी। मेहनत रंग लाई और पहले ही प्रयास में अनुराग ने करीब 30 टन पैपरिका, 15 टन एलपीनो और डेढ़ टन काली हल्दी का उत्पादन किया। अनुराग ने बताया कि अब वह अपने खेतों में कैलोमाइल भी उगा रहे हैं। पारंपरिक खेती करने वाले काश्तकार भी अब अनुराग से नकदी फसल उगाने के गुर सीख रहे हैं। अनुराग ने कड़ी मेहनत से न सिर्फ अपने फैसले को सही साबित किया, बल्कि खुद के साथ-साथ कई परिवारों को आय का नया जरिया भी दिया। आज वो क्षेत्र के युवाओं के लिए मिसाल बन गए हैं।


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