नैनीताल की सबसे रहस्यमयी झील, कहते हैं हर पूर्णिमा की रात यहां परियां नहाने आती हैं
उत्तराखंड के उस ताल की बात करेंगे जहां परियां नहाने आती हैं। यही वजह है कि इस जगह को परी ताल के नाम से जाना जाता है।
Jun 18 2023 12:10PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
उत्तराखंड की धरती खुद मे कई रहस्यों को समेटे हुए है। यहां ऐसी कई अनछुई जगहें हैं, जो आज तक सामने नहीं आ सकीं।
Nainital pari tal guide map and all detail
शायद ये अच्छा ही है, क्योंकि इंसानी दखल न होने की वजह से ही ये जगहें अपनी खूबसूरती बरकरार रख पाई हैं। यहां टिहरी में स्थित खैट पर्वत को लेकर मान्यता है कि इस जगह आज भी परियों का निवास है। देश-दुनिया के लोग खैट पर्वत को देखने के लिए हर साल उत्तराखंड आते हैं, लेकिन आज हम खैट पर्वत नहीं, बल्कि उत्तराखंड के उस ताल की बात करेंगे जहां परियां नहाने आती हैं। यही वजह है कि इस जगह को परी ताल के नाम से जाना जाता है। नैनीताल शहर से 25 किलोमीटर दूर एक गांव है चाफी। यहां से 3 किमी के पैदल रास्ते पर चलकर परी ताल पहुंचा जा सकता है। ये सफर रोमांचक होने के साथ ही खतरनाक भी है। परी ताल के रास्ते में अंग्रेजों के जमाने का एक पुल भी पड़ता है।
परी ताल की गिनती उत्तराखंड के सबसे रहस्यमयी तालों में होती है। कहते हैं कि पूर्णिमा के दिन यहां परियां नहाने आती हैं। इस ताल के आसपास की कुछ काली चट्टानें दिखती हैं। इन्हें शिलाजीत युक्त चट्टान माना जाता है। यह एंटी एजिंग के लिए औषधीय तत्वों से भरपूर होती है। इस ताल से सटा एक खूबसूरत सा झरना भी दिखाई देता है, जो इसकी सुंदरता को और निखार देता है। परी ताल की असल गहराई का आज तक पता नहीं चल पाया है। क्योंकि ये ताल परियों का ताल माना जाता है, इसलिए स्थानीय लोग यहां नहाने और डुबकी लगाने से परहेज करते हैं। तो अगली बार आप जब भी नैनीताल आएं अपनी लिस्ट में नैनीझील, भीमताल, नौकुचियाताल, हनुमान ताल, सीताताल और कमलताल जैसी झीलों के साथ परी ताल को भी जरूर शामिल करें। यकीन मानिए इस जगह की खूबसूरती आपको रोमांचक एहसास से भर देगी, एक ऐसा एहसास जिसे आप कभी भूल नहीं पाएंगे।