image: Uttarakhand Uniform Civil Code Highlights and Key Points

उत्तराखंड में लागू होने वाला है यूनिफॉर्म सिविल कोड, CM ने दिए संकेत, जानिए इसकी खास बातें

Uttarakhand Uniform Civil Code जुलाई के लास्ट वीक में आ सकता है यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट, उत्तराखंड बनेगा यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य
Jul 18 2023 7:00PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का ड्राफ्ट तैयार करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। जी हां, अब तक यूनिफॉर्म सिविल कोड देश के किसी भी राज्य में लागू नहीं हुआ है।

Uttarakhand Uniform Civil Code

गुजरात और मध्य प्रदेश सरकार को भी उत्तराखंड के यूसीसी ड्राफ्ट का इंतजार है। जस्टिस रंजना प्रसाद देसाई की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ समिति ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने में जुटी है। सीएम धामी ने बताया कि जल्द ही उत्तराखंड में यूसीसी लागू होगा। वहीं भाजपा शासित मध्यप्रदेश और गुजरात सरकार ने भी समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया है। दोनों राज्यों को भी इस रिपोर्ट का इंतजार है। बता दें कि मई 2022 में समिति का गठन हुआ था। गठन से लेकर अब तक समिति ढाई लाख से अधिक सुझाव ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से प्राप्त कर चुकी है। कमेटी ने यह आश्वासन दिया है कि सबके हित में निर्णय आएगा। उत्तराखंड से इसकी शुरुआत हुई है। आगे पढ़िए

Uniform Civil Code Key Points

अब इस यूनिफॉर्म सिविल कोड के कुछ अहम बिंदुओं पर प्रकाश डालते हैं जिनके बारे में बात करना बेहद जरूरी है और जिन पर बदलाव होने की संभावनाएं हैं।यूसीसी में सभी धर्मों की लड़कियों की विवाह योग्य उम्र एक समान करने का प्रस्ताव है। पर्सनल लॉ और कई अनुसूचित जनजातियों में लड़कियों की विवाह की उम्र 18 से कम है। यूसीसी के बाद सभी लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ सकती है। वहीं देश में विवाह को पंजीकरण कराना अनिवार्य नहीं है। यूसीसी में सुझाव है कि सभी धर्मों में विवाह का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा। इसके बिना सरकारी सुविधा का लाभ नहीं दिया जाएगा। कई धर्म और समुदाय के पर्सनल लॉ बहुविवाह को मान्यता देते हैं। मुस्लिम समुदाय में तीन विवाह की अनुमति है। वहीं यूसीसी के बाद बहु-विवाह पर पूरी तरह से रोक लग सकती है। मुस्लिम समाज में हलाला और इद्दत की रस्म है। यूसीसी के कानून बनाकर लागू किया तो यह खत्म हो जाएगा। तलाक लेने के लिए पत्नी व पति के आधार अलग-अलग हैं। यूसीसी के बाद तलाक के समान आधार लागू हो सकते हैं। वहीं, कई धर्मों में लड़कियों को संपत्ति में बराबर का अधिकार हासिल नहीं है। यूसीसी में सभी को समान अधिकार का सुझाव है। जनसंख्या नियंत्रण: यूसीसी में जनसंख्या नियंत्रण का भी सुझाव है। इसमें बच्चों की संख्या सीमितकरने, नियम तोड़ऩे पर सरकारी सुविधाओं के लाभ से वंचित करने का सुझाव है।


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