उत्तराखंड में अब निरक्षरों को भी मिल सकेगा ड्राइविंग लाइसेंस, नहीं काटने पड़ेंगे दफ्तरों के चक्कर
Uttarakhand Driving License Process परिवहन विभाग कुछ ऐसे वैकल्पिक इंतजाम करने जा रहा है, जिससे निरक्षर व्यक्तियों को कंप्यूटर टेस्ट देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
Jul 18 2023 7:52PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तराखंड में अब निरक्षर लोग भी ड्राइविंग लाइसेंस बनवा सकेंगे। परिवहन विभाग कुछ ऐसे वैकल्पिक इंतजाम करने जा रहा है, जिससे निरक्षर व्यक्तियों को कंप्यूटर टेस्ट देने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
Driving License rule may change in Uttarakhand
इसकी जगह अन्य इंतजाम किए जा सकते हैं। दरअसल उत्तराखंड में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए कंप्यूटर टेस्ट की अनिवार्यता है। ऐसे में जो लोग पढ़े-लिखे नहीं हैं, वो यह टेस्ट नहीं दे पाते। टेस्ट न देने का सीधा मतलब है कि ऐसे लोग डीएल नहीं बनवा सकते। हालांकि, मानवाधिकार आयोग के निर्देश के बाद परिवहन विभाग ने इस दिशा में कार्रवाई शुरू कर दी है। उम्मीद है कि निरक्षर व्यक्तियों के डीएल बनाने के लिए कंप्यूटर टेस्ट की जगह कुछ वैकल्पिक इंतजाम किए जा सकते हैं। निरक्षर लोगों को उनका अधिकार दिलाने के लिए आरटीआई कार्यकर्ता मो. आशिक ने मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी। आगे पढ़िए
Uttarakhand Driving License Process
दरअसल मो. आशिक को पता चला था कि प्रदेश में निरक्षर लोगों को ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में दिक्कत आ रही है। समस्या वाकई बेहद गंभीर थी। मो. आशिक ने इस बारे में कुछ करने की ठानी और इसे मानवाधिकारों का हनन व निरक्षर व्यक्तियों का अपमान बताते हुए डीएल के लिए वैकल्पिक इंतजाम कराने की मांग उठाई। शिकायत पर सुनवाई करते हुए मानवाधिकार आयोग के सदस्य आरएस मीणा ने प्रमुख सचिव परिवहन को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए थे। आयोग के निर्देश को देखते हुए अपर सचिव परिवहन नरेंद्र कुमार जोशी ने परिवहन आयुक्त को पत्र भेजा है। जिसमें उन्होंने निरक्षर व्यक्तियों के ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की दिशा में आवश्यक कदम उठाने को कहा है। सब कुछ ठीक रहा तो उत्तराखंड में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए भटक रहे निरक्षर लोगों की बड़ी समस्या हल हो जाएगी। उन्हें डीएल बनवाने के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, निराश नहीं होना पड़ेगा।