image: fishing cat scene in champawat uttarakhand

उत्तराखंड में नजर आई दुर्लभ और खूबसूरत फिशिंग कैट, आखिरी बार 2016 में दिखी थी

Fishing Cat in Uttarakhand फिशिंग कैट आम बिल्लियों से दोगुने आकार की होती है और गुलदार जैसी दिखती है।
Jul 19 2023 7:27PM, Writer:कोमल नेगी

फिशिंग कैट...दुनिया के सबसे दुर्लभ जीवों में से एक। साल 2016 में इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर यानि आईयूसीएन ने फिशिंग कैट को रेड लिस्ट में डाल दिया था।

Fishing cat scene in champawat

अब 7 साल बाद इस खूबसूरत बिल्ली को लेकर एक बड़ी जानकारी मिली है। चंपावत जिले की शारदा वन रेंज में 436 मीटर की ऊंचाई पर फिशिंग कैट की गतिविधियां कैमरे में कैद हुई हैं। ये बिल्ली मछली खाने की शौकीन होती है। भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिकों ने पिछले साल नंधौर वन्यजीव अभ्यारण्य में कैमरा ट्रैप लगाए थे, ताकि दुर्लभ प्रजातियों के जीवों पर नजर रखी जा सके। कुछ दिन पहले जब कैमरों की जांच हुई तो उसमें फिशिंग कैट की तस्वीरें देख वैज्ञानिक चौंक गए। यह बिल्ली आम बिल्लियों से दोगुने आकार की होती है और गुलदार जैसी दिखती है। इस बिल्ली का मुख्य आहार मछली है। इसके अलावा ये पक्षी, कीड़े, मोलस्क, सरीसृप, उभयचर और घरेलू मवेशियों के मांस को भी चाव से खाती है।

Champawat Sharda Forest Range Fishing Cat

फिशिंग कैट अपने घर की सीमा खुद तय करती है। यह आमतौर पर रात के वक्त ज्यादा सक्रिय होती हैं। साल 2012 में पश्चिम बंगाल सरकार ने इसे राज्य पशु घोषित किया था। भारतीय वन्यजीव संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. नवीन चंद्र जोशी कहते हैं कि सालों बाद फिशिंग कैट का नजर आना जैव विविधता के लिहाज से अच्छा संकेत है। इस पर गंभीरता से शोध किए जाने की जरूरत है। इस प्रजाति पर संकट मंडराने की वजह उनके निवास पर अतिक्रमण, शहरीकरण और औद्योगिकीकरण है। कृषि उपयोग और मानव बस्तियों के अतिक्रमण से आद्र भूमि का क्षेत्रफल कम हुआ है, जिसके चलते फिशिंग कैट का अस्तित्व संकट में पड़ गया। यह भारत के अलावा बांग्लादेश, कंबोडिया, चीन, म्यांमार, पाकिस्तान, थाईलैंड और श्रीलंका में भी पाई जाती हैं। यहां इनके शिकार पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा है। दुर्लभ फिशिंग कैट का उत्तराखंड में दिखना हैरान करने वाली घटना है।


View More Latest Uttarakhand News
View More Trending News
  • More News...

News Home