अद्भुत देवभूमि: पश्वा पर अवतरित हुए सोमेश्वर देवता, धारदार कुल्हाड़ी पर चलकर दिया आशीष
Someshwar Devta Mela यह लोगों की आस्था और श्रद्धा ही है कि धारदार कुल्हाड़ियों पर चलने के बावजूद पश्वा के पैरों को किसी तरह की हानि नहीं हुई।
Jul 19 2023 7:28PM, Writer:कोमल नेगी
उत्तरकाशी में मां यमुना के मायके खरसाली गांव में हर साल की तरह इस बार भी सोमेश्वर मेले का आयोजन हुआ।
Uttarkashi Kharsali Someshwar Devta Mela
इस दौरान जहां यमुनाघाटी की समृद्ध संस्कृति देखने को मिली, वहीं एक ऐसा चमत्कार भी दिखा, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया। खासकर वो लोग जो देवताओं और अलौकिक शक्तियों पर सवाल उठाते रहे हैं, वो भी इस अनूठे नजारे को जिंदगीभर भूल नहीं पाएंगे। दरअसल यहां आध्यात्मिक मेले के दौरान समेश्वर देवता के पश्वा नंगे पांव कुल्हाड़ियों पर चले और ग्रामीणों को आशीर्वाद दिया। यह लोगों की आस्था और श्रद्धा ही है कि धारदार कुल्हाड़ियों पर चलने के बावजूद पश्वा को किसी तरह की हानि नहीं हुई। पश्वा को डंगरिया यानि कुल्हाड़ी पर चलते देख हर कोई हैरान रह गया। ग्रामीणों ने देव डोलियों के साथ रासो और तांदी नृत्य किया, साथ ही देवी-देवताओं से परिवार गांव की खुशहाली के लिए प्रार्थना की। आगे पढ़िए
Someshwar Devta Mela tradition
सोमेश्वर देवता का मेला 12 गांवों का सामूहिक मेला होता है। जो कि मां यमुना के मायके खरसाली खुशीमठ गांव में श्रावण मास में आयोजित होता है। मंगलवार को हुए मेले में कई अद्भुत नजारे देखने को मिले। इस दौरान सोमेश्वर देवता के पश्वा ने कुल्हाड़ियों पर चलकर लोगों को आशीर्वाद दिया, लेकिन उनके पैरों को जरा सा भी नुकसान नहीं पहुंचा। माना जाता है कि सोमेश्वर देवता पश्वा पर अवतरित होकर लोगों के दुख-दर्द दूर करते हैं। मेले में बनास, पिंडकी, मदेष, निषणी, दुर्बिल, कुठार और दांगुड समेत 12 गांव के ग्रामीणों ने हिस्सा लिया। ग्रामीणों ने देवता की पूजा-अर्चना कर सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। मेले में स्थानीय समृद्ध संस्कृति की झलक भी दिखी।