image: Uttarkashi Dayara Bugyal Butter Festival Date Timing Route All Detail

उत्तराखंड का ऐतिहासिक बटर फेस्टिवल, चले आइए दयारा बुग्याल, मां प्रकृति को प्रणाम कीजिए

Dayara Bugyal Butter Festival ऐतिहासिक बटर फेस्टिवल यानि अंढूड़ी उत्सव के दिन मखमली घास का मैदान दूध, मट्ठे और मक्खन से नहा उठता है। यह प्रकृति के सम्मान का पर्व है।
Jul 29 2023 9:49PM, Writer:कोमल नेगी

उत्तराखंड में मनाई जाने वाली रंगों और फूलों की होली के बारे में आपने जरूर सुना होगा, लेकिन इस पहाड़ी प्रदेश में एक जगह ऐसी भी है, जहां दूध-मक्खन से होली खेली जाती है।

Uttarkashi Dayara Bugyal Butter Festival All Detail

हम बात कर रहे हैं, उत्तरकाशी के द्यारा बुग्याल की। जहां ऐतिहासिक बटर फेस्टिवल यानि अंढूड़ी उत्सव के दिन मखमली घास का ये मैदान दूध, मट्ठे और मक्खन से नहा उठता है। समुद्रतल से 11 हजार फीट की उंचाई पर 28 वर्ग किमी क्षेत्र में फैले दयारा बुग्याल में रैथल के ग्रामीण सदियों से भाद्रप्रद महीने की संक्रांति को दूध, मक्खन और मट्ठे की होली खेलते आ रहे हैं। यह अनोखा उत्सव प्रकृति का आभार जताने के लिए मनाया जाता है। मान्यता है कि बरसात के बाद बुग्यालों में उगी पौष्टिक एवं मखमली घास को चरने से ही ग्रामीणों के पशु अच्छा दूध देते हैं, जिसकी खुशी वे दूध, मक्खन की होली खेलकर मनाते हैं। रैथल गांव की दयारा पर्यटन उत्सव समिति व ग्राम पंचायत बीते कई वर्षों से इस अनूठे उत्सव का आयोजन करती आ रही है। पहले यह उत्सव केवल ग्रामीणों तक ही सीमित था, लेकिन बदलते वक्त के साथ ये बटर फेस्टिवल में तब्दील हो गया। सर्दियों में जब ग्रामीण अपने पशुओं के साथ बुग्याल से गांव की ओर लौटते हैं तो स्वयं और पशुओं की रक्षा के लिए दूध और मक्खन चढ़ाकर प्रकृति का आभार जताते हैं। उत्तरकाशी में होने वाला बटर फेस्टिवल पूरी दुनिया में पहचान बना चुका है और इस में हिस्सा लेने के लिए देश ही नहीं विदेशों से भी लोग बड़ी तादाद में पहुंचते हैं। आगे पढ़िए

इस साल 'बटर फेस्टिवल' यानी 'अढूंड़ी उत्सव' का आगाज स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण के साथ होगा। 16 अगस्त की शाम को द्यारा छानियों में कैंप फायर और सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा। जबकि, मुख्य कार्यक्रम 17 अगस्त को आयोजित होगा। उत्सव में आने वाले पर्यटकों को मंडुवा और गेहूं के आटे की रोटी के साथ गांव में तैयार मक्खन, घी और अन्य पारंपरिक व्यंजन परोसे जाएंगे। ग्रामीणों की ओर से रांसों तांदी लोक नृत्य का आयोजन किया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी उत्सव में शामिल होने की सहमति दी है। इस बार रैथल के साथ भटवाड़ी बंदराणी, क्यार्क और नटीण गांव मिलकर बटर फेस्टिवल Dayara Bugyal Butter Festival का आयोजन कर रहे हैं। जिसमें देश-विदेश से आने वाले मेहमानों के साथ मक्खन और मट्ठे की होली खेली जाएगी।


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