बागेश्वर में स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल, यहां आज भी डोली के सहारे अस्पताल ले जाए जाते हैं मरीज
Bageshwar Dangti Village बागेश्वर जिले के इस गांव में आज भी डोली के सहारे मरीजों को पहुंचाया जाता है अस्पताल
Aug 4 2023 4:33PM, Writer:अनुष्का ढौंडियाल
राज्य स्थापना के दो दशक से अधिक हो जाने के बावजूद उत्तराखंड में अब भी कई गांव ऐसे हैं जहां पर लोगों को सड़क जैसी मूलभूत सुविधा तक नहीं मिली है।
Patient taken to hospital on doli in Dangti village
अब भी उनको डोली के सहारे कई घंटे की पैदल यात्रा के बाद मरीजों को अस्पताल लेकर जाना पड़ता है। ऐसी ही एक हृदयविदारक घटना बागेश्वर में हुई है।बागेश्वर जिले में कपकोट विधानसभा के लीती में स्थित डांगती गांव में आज भी मूलभूत सुविधाओं की कमी है। सरकार के आंकड़ों के हिसाब से तो उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्र में भी विकास पहुंच गया है मगर बागेश्वर जिले की कपकोट विधानसभा में स्थित इस गांव में आज भी ग्रामीणों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जहां पर टेक्नोलॉजी फल-फूल रही है वहां पर अब भी इस गांव में ग्रामीणों को लगभग 7 किलोमीटर पैदल चलकर डोली में मरीज को मुख्य सड़क मार्ग तक लाना होता है और फिर वहां से अस्पताल तक का सफर तय करना पड़ता है।
हाल ही में यहां पर एक व्यक्ति को गंभीर रूप से अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। बता दें कि व्यक्ति बीमार हो गया था और उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत की और लगभग 7 किलोमीटर पैदल चलकर डोली में मरीज को बिठाकर सड़क मार्ग तक और फिर अस्पताल ले गए। बता दें कि कपकोट विधानसभा क्षेत्र में सड़क स्वास्थ्य शिक्षा जैसी मूलभूत जरूरतें नहीं हैं। आज भी मरीजों को यहां पर डोली का सहारा लेकर विवश होना पड़ रहा है। आप यह कल्पना कर सकते हैं कि गर्भवती महिलाओं को कितनी समस्या होती होगी और प्रसव पीड़ा के दौरान उनको कितना दर्द सहन करता होता और उनकी जान के ऊपर मूलभूत सुविधाएं जैसे की सड़क और अस्पतालों का एक्सेसबले न होना कितना बड़ा रिस्क है। कपकोट के पूर्व विधायक ललित फर्सवाण ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि यहां पर लंबे समय से सरकार को सड़क और स्वास्थ्य जैसी मूलभूत जरूरतों को पूरा करने की मांग की जा रही है मगर सरकार इन मांगों को कई वर्षों से अनदेखा कर रही है।