उत्तराखंड के सरकारी दफ्तरों में कितने घूसखोर? 3 हजार रुपये के लिए क्लर्क ने बचा ईमान
डाटा एंट्री ऑपरेटर पर जीएसटी पंजीकरण के नाम पर तीन हजार की घूस लेने का आरोप है। मामले में एक कर अधिकारी भी शामिल बताया जा रहा है।
Sep 6 2023 4:26PM, Writer:कोमल नेगी
भ्रष्टाचार का मर्ज उत्तराखंड को खोखला कर रहा है। सरकारी दफ्तरों को लेकर लोगों की आम राय बन गई है कि यहां बिना ‘कुछ’ दिए काम नहीं होता, और काफी हद तक ये सही भी है।
clerk Deepak Mehta arrested while taking bribe
उत्तराखंड में भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ विजिलेंस की टीम लगातार कार्रवाई कर रही है। इस बार मामला नैनीताल का है, जहां डाटा इंट्री ऑपरेटर ने महज तीन हजार के लिए अपना ईमान बेच दिया। सतर्कता विभाग की टीम ने राज्य कर विभाग में डाटा एंट्री ऑपरेटर के तौर पर कार्यरत कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। जिस पर जीएसटी पंजीकरण के नाम पर तीन हजार की घूस लेने का आरोप है। इस मामले में राज्य कर अधिकारी की भी संलिप्तता सामने आई है, जिसकी फिलहाल जांच की जा रही है। विजिलेंस की टीम दोनों के घर पर खोजबीन में जुटी है। दरअसल 8 दिन पहले भीमताल के रहने वाले व्यवसायी मनोज जोशी ने विजिलेंस से रिश्वत मांगे जाने को लेकर शिकायत की थी।
उन्होंने बताया कि रिश्वत न देने के कारण उनका पंजीकरण लंबे समय से लटकाया जा रहा है। राज्य कर विभाग के कर्मचारी रिश्वत मांग रहे हैं। शुरुआती जांच में आरोपों की पुष्टि हुई। मंगलवार को विजिलेंस की नौ सदस्यीय टीम हल्द्वानी रोड स्थित राज्य कर विभाग के दफ्तर पहुंची। जहां टीम ने डाटा एंट्री ऑपरेटर दीपक मेहता को तीन हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि एक राज्य कर अधिकारी भी मामले में शामिल है। सबूत मिलने पर अधिकारी के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। विजिलेंस की टीम ने डाटा एंट्री ऑपरेटर और राज्य कर अधिकारी से बंद कमरे में पूछताछ की। मौके से तमाम दस्तावेज भी कब्जे में लिए गए हैं। विजिलेंस की टीम कर्मियों के हल्द्वानी स्थित घर पर भी जांच कर रही है।