image: Uttarakhand Char Dham Rail Project Latest Update

देहरादून-उत्तरकाशी तक एक ही सुरंग से गुजरेगी गाड़ी-रेलगाड़ी, रेल से जुड़ेंगे गंगोत्री-यमुनोत्री

गंगोत्री-यमुनोत्री धाम को रेल लाइन से जोड़ने वाली सुरंगों में ट्रेन के लिए ट्रैक तो बनेंगे ही, वाहनों के लिए सड़क भी बनाई जाएगी। आगे जानिए प्रोजेक्ट से जुड़ी खास बातें।
Oct 1 2023 6:10PM, Writer:कोमल नेगी

उत्तराखंड में केंद्र की मदद से बड़ी परियोजनाओं पर काम चल रहा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना इनमें से एक है।

Uttarakhand Char Dham Rail Project Latest Update

इस रेल परियोजना के जरिए चारधाम की यात्रा को नए आयाम मिलेंगे। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम को भी रेल परियोजना से जोड़ा जाएगा। इतना ही नहीं गंगोत्री-यमुनोत्री धाम को रेल लाइन से जोड़ने वाली सुरंगों में ट्रेन के लिए ट्रैक के साथ वाहनों के लिए सड़क भी साथ-साथ बनाई जाएगी। इससे सुरंग में ट्रेन और वाहन एक साथ फर्राटा भर सकेंगे। धामी सरकार ने इस दिशा में प्रयास तेज कर दिए हैं। रेलवे बोर्ड भी परियोजना से संबंधित डाटा साझा करने के लिए तैयार हो गया है। आरवीएनएल ने सर्वेक्षण और तकनीक जांचों के बाद 121.76 किमी लंबे रेलवे ट्रैक के लिए करीब 29 हजार करोड़ की फाइनल डीपीआर रेलवे बोर्ड दिल्ली भेज दी है। इसमें से 70 प्रतिशत ट्रैक सुरंगों के अंदर होगा। उधर, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) भी दून को टिहरी झील से सीधे सुरंग मार्ग से जोड़ने की परियोजना पर काम कर रहा है। आगे पढ़िए

सुरंग रानीपोखरी के पास से शुरू होकर झील के पास कोटी कॉलोनी (टिहरी) तक प्रस्तावित है। जिसकी कुल लंबाई करीब 35 किमी होगी। दून को टिहरी से जोड़ने के लिए अलग से सुरंग न बनाकर इसे रेलवे की परियोजना के साथ जोड़ने की कवायद चल रही है। रेल विकास निगम के परियोजना प्रबंधक ओम प्रकाश मालगुड़ी ने बताया कि उत्तराखंड शासन की ओर से परियोजना से संबंधित डाटा साझा करने का अनुरोध पत्र प्राप्त हुआ था। इसकी कुछ औपचारिकताएं हैं, जिन्हें पूरा किया जा रहा है। एक सप्ताह के भीतर डाटा साझा कर दिया जाएगा। इसमें सेटेलाइट मैपिंग, जियोफिजिकल सर्वे, डिजीटलाइजेशन मॉडल स्टडी शामिल है। सचिव लोनिवि डॉ. पंकज कुमार पांडेय ने बताया कि दोनों परियोजनाओं पर केंद्र ने पैसा खर्च करना है। ऐसे में यह विचार सामने आया कि दोनों परियोजनाओं को संयुक्त रूप से पूरा किया जा सकता है। इससे धन की भी बचत होगी और पर्यावरण को कम नुकसान होगा। रेलवे बोर्ड और केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय इस संबंध में जल्द ही ठोस फैसला ले सकते हैं। दोनों परियोजनाएं आम जन की परिवहन सुविधा से जुड़ी हैं।


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