उत्तराखंड के इस गांव को 2019 से नहीं मिला ग्राम प्रधान, हाईकोर्ट ने पूछा सरकार से सवाल
साल 2019 से दर्शानी गांव में प्रधान के चुनाव नहीं हुए। ग्रामसभा का गठन न होने की वजह से गांव विकास की दौड़ में पिछड़ गया है।
Nov 10 2023 10:25AM, Writer:कोमल नेगी
बागेश्वर का दर्शानी गांव...साल 2019 से इस गांव में प्रधान नहीं है।
No gram pradhan in Bageshwar Darhani village
गांव में प्रधान के चुनाव नहीं हुए। ग्रामसभा का गठन न होने की वजह से गांव विकास की दौड़ में पिछड़ गया है। अब उत्तराखंड हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार से जवाब-तलब किया है। एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार से पूछा कि दर्शानी ग्रामसभा में अब तक प्रधान का चुनाव क्यों नहीं हुआ। कोर्ट ने राज्य सरकार से दो हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने अगली सुनवाई की तारीख 28 नवंबर को तय की है। आगे पढ़िए
इस संबंध में दर्शानी गांव के भोला दत्त पांडे ने जनहित याचिका दाखिल की है। जिसमें उन्होंने बताया कि साल 2019 में हुए पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान का पद ओबीसी उम्मीदवार के लिए आरक्षित था, लेकिन ओबीसी के किसी भी व्यक्ति ने ग्राम प्रधान पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल नही किया, जिससे ये पद रिक्त रहा। साल 2020 में ग्राम प्रधान का पद अनारक्षित किया गया, लेकिन चुनाव नहीं कराए गए। जिससे गांव में ग्रामसभा का गठन नहीं हो सका। हमारा गांव विकास की मुख्य धारा से नहीं जुड़ पाया। इस संबंध में सचिव पंचायतीराज व अन्य अधिकारियों को लेटर भी भेजे गए, लेकिन इस पर भी कार्यवाही नहीं हुई। जबकि नियमानुसार ग्रामसभा के रिक्त पदों में चुनाव 6 महीने के भीतर होना चाहिए, यही नियम है। ग्रामीणों ने राज्य सरकार व चुनाव आयोग से ग्राम पंचायत के गठन के लिए तुरंत चुनाव कराने की मांग की।