उत्तराखंड: अल्मोड़ा में छोटा राजन का राइट हैंड पीपी बन गया साधू, जेल में ली दीक्षा
दुनिया का बेताज बादशाह अंडरवर्ड डॉन छोटा राजन का साथी कुख्यात पीपी अब आध्यात्म पथ पर निकल गया है। दर्जनों कॉन्ट्रैक्ट किलिंग, हत्या, फिरौती सहित तमाम आपराधिक वारदातों को अंजाम देने के बाद अब अपने पापों का प्रायश्चित करना चाहता है।
May 16 2024 8:02PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
कुख्यात शार्प शूटर पीपी ने अब सन्यास ले लिया है और अब वो पीपी से योगी प्रकाशनाथ बन गया है। काठमांडू के नाथ संप्रदाय के आचार्य दंडीनाथ महाराज ने बताया कि महीने पहले अल्मोड़ा जेल के अंदर जेल प्रशासन की निगरानी में प्रकाश पांडे को संन्यास की दीक्षा दिलाई।
Underworld Don PP Became A Saint, Took Initiation in Almora Jail
अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह और अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन का साथी पीपी अब सन्यास के मार्ग पर चल पड़ा है। उसने अपने जीवन में दर्जनों कॉन्ट्रैक्ट किलिंग सहित कई अन्य पाप किए थे। अनेक नेताओं की हत्या, फिरौती सहित तमाम आपराधिक वारदातों को अंजाम देने के बाद, वह देश छोड़कर फरार हो गया था। वर्ष 2010 में मुंबई क्राइम ब्रांच ने पीपी को वियतनाम से गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उसे उत्तराखंड की अलग-अलग जेलों में रखा गया। वर्तमान में वह अल्मोड़ा की जेल में बंद है और अनौपचारिक सूचना मिली है कि पीपी ने जेल में धार्मिक अनुष्ठान के साथ ही सन्यास ग्रहण कर लिया है।
बनना चाहता था मुंबई का डॉन
अपराध की दुनिया में कदम रखने के बाद पीपी ने नैनीताल, अल्मोड़ा, हल्द्वानी व रानीखेत में अवैध शराब, लीसा तस्करी की थी। इस काम में उसकी कमाई बढ़ी तो उसकी हिम्मत और बढ़ गई और वो 90 के दशक में मुंबई चला गया और मुंबई में रहकर वह डान बनना चाहता था। बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद जब दाऊद व छोटा राजन अलग हो गए थे तो इसी बीच प्रकाश पांडे उर्फ पीपी की मुलाकात छोटा राजन से हुई और उसके डान बनने का सफर शुरू हो गया था। लेकिन साल 2010 में पीपी वियतनाम से गिरफ्तार कर लिया गया। जिसके बाद वो उत्तराखंड की जेलों में बंद है।
पीपी बना योगी प्रकाशनाथ
मिली जानकारी के मुताबिक काठमांडू के नाथ संप्रदाय के आचार्य दंडीनाथ महाराज ने बताया कि 28 मार्च को हर्षण योग युक्त अमृत वेला में जिला जेल अल्मोड़ा में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पीपी की संन्यास दीक्षा संपन्न हुई और दीक्षा लेने के बाद वह योगी प्रकाशनाथ बन गया, सभु अनुष्ठान जेल प्रशासन की निगरानी में हुए। डीआईजी जेल दधिराम मौर्य ने बताया कि जेल के अंदर पूजा पूजा अनुष्ठान हा सकता है। पीपी भले ही संन्यासी बन गया हो, लेकिन उसे जेल से बाहर पूजा की कोई अनुमति नहीं दी गई है,वह अब भी जेल में ही रहेगा।