रुद्रप्रयाग: Road To UFC के सेमीफाइनल में अंगद बिष्ट, कोरिया के रेसलर से लड़ेंगे
फाइटर अंगद बिष्ट ने चीन में रोड टू यूएफसी मैच में फिलीपींस के जॉन अल्मांजा को हराकर सेमीफाइनल में एंट्री कर ली है।
May 20 2024 8:02PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
फाइटर अंगद बिष्ट ने विदेश की धरती में एक बार फिर से भारत का परचम लहराया है। चीन में आयोजित Road To UFC में उन्होंने फिलीपींस के जॉन अल्मांजा को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया है और अब वे सेमीफइनल में कोरिया के रेसलर चाई डोंग हुन से लड़ेंगे।
Uttarakhand MMA Fighter Angad Bisht Qualified For semifinal in China
एक बार फिर से दुनिया की सबसे खतरनाक मिक्स मार्शल आर्ट प्रतियोगिता (यूएफसी) में उत्तराखंड के होनहार युवक अंगद बिष्ट ने भारत का परचम लहराया है। अंगद ने चीन में आयोजित 'रोड टू यूएफसी' मुकाबले में अपने शानदार पैंतरों से फिलीपींस के जॉन अल्मांजा को हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया है। अंगद बिष्ट मूलरूप से रुद्रप्रयाग के रहने वाले हैं और वर्तमान में वे देहरादून में एक एमएमए ट्रेनिंग सेंटर चलाते हैं। दुनिया के कई हिस्सों में वे अपनी फाइट के जरिए अपने नाम के साथ-साथ उत्तराखंड का नाम भी रोशन कर चुके हैं।
फिलीपींस के खिलाड़ी के छुड़ाए छक्के
बीते रविवार को चीन में फ्लाईवेट कैटेगरी में मुकाबला शुरू हुआ। जिसमें शुरू से ही अंगद अपने प्रतिद्वंदी पर हावी होने लगे। अंगद ने अपनी फुर्ती और शानदार पैंतरे से फिलीपींस के जॉन को मौका तक नहीं दिया। जबकि जॉन के पास भी अंगद जैसी ही फुर्ती है व सामने वाले को चित करने में पीछे नहीं रहते। लेकिन यहाँ पर अंगद की स्ट्रेटजी के सामने जॉन की एक न चली और गेम को पूरा होने से पहले ही रेफरी ने अंगद के वार और फुर्ती को देखकर टेक्निकल नॉकआउट फैसला लेकर अंगद के पक्ष में फैसला दिया। जिसे जीतने के बाद अब अंगद सेमीफइनल में पहुँच गए है और उनका मुकाबला कोरिया के रेसलर चाई डोंग हुन से होगा।
अंगद बचपन में डॉक्टर बनना चाहते थे
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अंगद ने बताया कि वे एक बेहद ही सामान्य परिवार से आते हैं और उनके पिता की एक मिठाई की दुकान है। अंगद बचपन से ही डॉक्टर बनना चाहते थे और इसके लिए उन्होंने पढाई भी की। लेकिन बाद में उनकी दिलचस्पी रिंग फाइट में बढ़ने लगी। अगंद बिष्ट कुछ समय पहले ही दुबई में मैट्रिक फाइट नाइट वर्ल्ड चैपियनशिप में जीत हासिल कर चुके हैं। वे देहरादून अपना एक ट्रेनिंग सेंटर भी चलाते हैं और वहां अपने जैसे कई एथलीट तैयार कर रहे हैं। हाल ही में साल की बड़ी फाइट जीतने वाले दिगम्बर भी अंगद के ही शिष्य हैं। उन्होंने बताया कि वे अब उत्तराखंड के युवाओं के लिए भी कुछ करना चाहता है वर्तमान में उनके यहाँ पर 60 से अधिक युवा ट्रेनिंग ले रहे हैं।