image: Section 144 Imposed On Yamunotri Dham Yatra Route

Char Dham Yatra 2024: यमुनोत्री पैदल मार्ग पर धारा 144 लागू, घोड़े खच्चर और डंडी कंडी की संख्या भी निर्धारित

यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर उमड़ रही बेकाबू भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन ने कड़े कदम उठाए हैं। जिलाधिकारी ने यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर धारा 144 लागू कर दी है ताकि आवागमन नियंत्रित किया जा सके।
May 21 2024 11:01AM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

जिला प्रशासन ने अब से यात्रा मार्ग पर घोड़े, खच्चरों और डंडी-कंडी चालकों के आवागमन की सीमा निर्धारित की है। इसके साथ ही इन साधनों से यमुनोत्री धाम पहुंचे तीर्थयात्रियों के दर्शन के लिए रहने का समय भी निर्धारित कर दिया गया है।

Section 144 Imposed On Yamunotri Dham Yatra Route

यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने धारा 144 के तहत एक आदेश जारी किया है कि यमुनोत्री धाम में पैदल यात्रा मार्ग पर यात्रियों के आवागमन को सुगम, सुरक्षित एवं शान्तिपूर्वक ढंग से सम्पादित हो। जिसमें उन्होंने बताया है कि जानकी चट्टी से यमुनोत्री तक घोड़े-खच्चर एवं डंडी के आवागमन के लिए अधिकतम संख्या एवं समयावधि निर्धारित की है। अब आगे की यात्रा इनके आधार पर ही होगी, अव्यवस्था फैलाने वालों पर कार्रवाही की जाएगी।

यमुनोत्री पैदल मार्ग पर धारा 144 लागू

यमुनोत्री धाम पैदल यात्रा मार्ग संकरा होने के कारण भीड़ नियंत्रण, जानमाल के खतरे का अंदेशा जताया गया हैं। जिसको देखते हुए उप जिलाधिकारी, बड़कोट, पुलिस उपाधीक्षक, बड़कोट एवं अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत, उत्तरकाशी की संयुक्त रिपोर्ट के आधार पर यह फैसला लिया है। जिला मजिस्ट्रेट डॉ मेहरबान सिंह बिष्ट ने यमुनोत्री धाम पैदल यात्रा मार्ग पर सुगम एवं सुविधाजनक आवागमन के लिए जानकी चट्टी से यमुनोत्री एवं यमुनोत्री से जानकीचट्टी आने-जाने वाले घोड़े खच्चरों की संख्या निर्धारित कर दी है।

अब इतनी होगी घोड़े खच्चरों की संख्या

इस यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों से यात्रियों का आवागमन सुबह 4 बजे से सायं 5 बजे तक निर्धारित किया गया है। आदेश के अनुसार घोड़े-खच्चरों की संख्या 800 पूर्ण होने के बाद घोड़े-खच्चर उसी अनुपात में जानकी चट्टी से भेजे जायेंगे, जिस अनुपात में यमुनोत्री से वापस आएंगे। प्रत्येक घोड़े-खच्चर के प्रस्थान, दर्शन तथा वापसी के समय की अवधि कुल 5 घंटे की होगी। आदेश में कहा गया है कि 05 घंटे से अधिक कोई भी घोड़ा-खच्चर किसी भी दशा में यात्रा मार्ग पर नहीं रहेगा।

यमुनोत्री धाम में रुकने का समय निर्धारित

जिला प्रशासन ने यात्री द्वारा यमुनोत्री धाम पहुंचने पर दर्शन आदि के लिए 60 मिनट का समय निर्धारित किया है। इस सम्बन्ध में मंदिर परिसर में तैनात स्वयंसेवक को व्यवस्था का पालन करने को कहा है। आदेश में यह बताया गया है कि अपरिहार्य स्थिति को छोड़ते हुये घोड़ा-खच्चर संचालक 60 मिनट का इंतजार करने के बाद घोड़ा पड़ाव में तैनात जिला पंचायत के कर्मी से अनुमति प्राप्त कर यात्री के बिना वापस लौट आयेगा। घोड़े खच्चर का संचालन प्रीपेड काउंटर से ही किया जायेगा।

डंडी कंडी के लिए भी समय और संख्या निर्धारित

जिला प्रशासन ने जानकी चट्टी से यमुनोत्री आने-जाने वाली डंडी की संख्या अधिकतम 300 निर्धारित की है। डंडी के आवागमन का समय सुबह 4 बजे से सायं 4 बजे तक निर्धारित किया गया है और इसके लिए अधिकतम 06 घंटा निर्धारित है, इन्हें 50 के लॉट में छोड़ा जायेगा। 1 लॉट के छोड़े जाने के बाद ही दूसरा लॉट 1 घंटे के अंतराल में रोटेशन अनुसार छोड़ा जायेगा। डंडी का संचालन बिरला धर्मशाला से किया जायेगा, अन्यत्र किसी भी स्थान से संचालन की अनुमति नहीं दी जायेगी। आदेश के अनुसार, अपरिहार्य स्थिति को छोड़कर डंडी संचालक 60 मिनट इंतजार करने के बाद घोड़ा पड़ाव में तैनात जिला पंचायत के कर्मी से अनुमति प्राप्त करके बिना यात्री के वापस लौट आएगा। अगर किसी व्यक्ति द्वारा इस आदेश का उल्लंघन किया जाता है, तो उसका यह कृत्य भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के अन्तर्गत दंडनीय होगा।


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