उत्तराखंड: देवप्रयाग की बहादुर बेटी को 4 एम्बुलेंस भी नहीं बचा सकी, वनाग्नि की चपेट में आई थी
प्रदेश में फैली जंगलों की आग अभी तक न जाने कितनों की जान ले चुका है। भीषण गर्मी के बीच उत्तराखंड में जंगल की आग अब जानलेवा साबित हो रही है। धू-धू कर जल रहे जंगल वन संपदा के बाद इंसान को निगल रहे हैं।
Jun 3 2024 9:35PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
रविवार को जंगल की आग जब घर के पास पहुँच गई तो उसे बुझाते समय एक 21 वर्षीय नवविवाहित युवती पूरी तरह से झुलस गई। आग की चपेट में आने से उसका 80 प्रतिशत हिस्सा जल गया, एम्स तक पहुँचने के लिए चार एम्बुलेंस का सहारा लिया गया लेकिन फिर भी उसकी जान नहीं बच पाई।
Newly Married Girl Dies Due To Forest Fire
इस बार जंगलों में लगी आग से न जाने कितने लोगों की मृत्यु हो चुकी है और वन सम्पदा को भी भारी नुकसान पहुंचा है। बीते रविवार को देवप्रयाग के चाका मार्ग स्थित गोदाण गांव में जंगल की आग लोगों के घरों तक पहुँच गई। इस दौरान 21 वर्षीय नवविवाहित पूजा घर के पास तक आ चुकी आग को बुझा रही थी इस दौरान वह भी आग की चपेट में आए गई और वह पूरी तरह से आग में झुलस गई। आनन-फानन में परिजन पूजा को सीएचसी बागी ले गए। यहां पूजा का प्राथमिक उपचार करने के बाद ऋषिकेश एम्स के लिए रेफर कर दिया गया।
एक एम्बुलेंस समय पर पहुंचाती तो बच सकती थी जान
लेकिन जिस अस्पताल की एंबुलेंस से उसे ले जाया जा रहा था, वह शिवमूर्ति के पास खराब हो गई। इसके बाद दूसरी 108 सेवा की एंबुलेंस भी साकनीधार में खराब हो गई। फिर पौड़ी क्षेत्र की ऋषिकेश से श्रीनगर की ओर आ रही 108 एंबुलेंस ने पूजा को साकनीधार से कौड़ियाला तक पहुंचाया। इसके बाद चौथी एंबुलेंस शिवपुरी से कौड़ियाला पहुंची और पूजा को लेकर एम्स गई। लेकिन एम्स पहुंचने पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। बगसारी के उपप्रधान मनोहर रणाकोटी और पूजा के मायके कुर्न गांव की प्रधान पुष्पा रावत ने बताया कि पूजा को एम्स पहुंचाने के लिए चार एंबुलेंस बदलनी पड़ीं। यदि एक ही एंबुलेंस समय पर उसे एम्स पहुंचा देती, तो उसकी जान बचाई जा सकती थी। इस मामले के बाद से स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था पर सवाल खड़े उठ रहे हैं।