UKSSSC: पेपर लीक में डिबार हुए 375 अभ्यर्थी, 130 फिर हो रहे भर्तियों में शामिल.. हाईकोर्ट का आदेश पढ़िए
पेपर लीक प्रकरणों में शामिल 375 अभ्यर्थियों को आरोपी मानते हुए डिबार किया गया था पर अब इनमें से 130 अभ्यर्थी विभिन्न परीक्षाओं में शामिल हो रहे हैं, आइये जानते हैं कैसे..
Jun 26 2024 8:11PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग और उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने पांच-पांच साल के लिए पेपर लीक प्रकरणों में आरोपी मानते हुए 375 छात्रों को डिबार किया हुआ था। इनमें से 130 अभ्यर्थियों की आगामी परीक्षाओं में शामिल होने के पीछे कारण यह है कि हाईकोर्ट ने उन्हें मुलजिम न मानते हुए स्टे दे दिया है।
130 Candidates Involved in Paper Leak Case Will Now Appear in The Examinations
उत्तराखंड के दोनों आयोगों ने 375 अभ्यर्थियों को किसी भी परीक्षा में शामिल होने से प्रतिबंधित किया था। लेकिन इनमें से अधिकांश को हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया क्योंकि पुलिस ने पेपर लीक में इन्हें मुलजिम नहीं बनाया था या तो इन्हें सरकारी गवाह बना लिया गया था या फिर पुलिस समय पर हाईकोर्ट में इनके नकल में शामिल होने का सबूत प्रस्तुत नहीं कर पाई। इन सभी आधार पर हाईकोर्ट से अभ्यर्थियों को राहत मिल गई थी। UKPSC ने एई भर्ती में आयोग ने 9 अभ्यर्थियों को डिबार किया था, जिनमें से छह को हाईकोर्ट से स्टे मिल गया था और जेई भर्ती में 71 अभ्यर्थियों को डिबार किया था, जिनमें से 38 को हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया। जूनियर असिस्टेंट भर्ती में एक और एपीएस भर्ती में एक उम्मीदवार को डिबार किया था और पटवारी भर्ती में 44 उम्मीदवारों को डिबार किया था, जिनमें 21 को स्टे मिल गया। इस प्रकार UKPSC ने कुल 126 अभ्यर्थियों को डिबार किया, जिनमें से 65 हाईकोर्ट से स्टे पर हैं। ये अभ्यर्थी सशर्त भर्ती परीक्षाओं में शामिल हो सकते हैं।
UKSSSC की आठ भर्तियों में 249 अभ्यर्थी हुए थे डिबार
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) ने विभिन्न भर्तियों में कुल 249 अभ्यर्थियों को पेपर लीक का आरोपी मानते हुए पांच-पांच साल के लिए डिबार किया था। इनमें स्नातक स्तरीय भर्ती में 112, वीपीडीओ भर्ती में 34, वन दरोगा ऑनलाइन भर्ती में 20, वन आरक्षी भर्ती में 47, सचिवालय रक्षक भर्ती में 14, तकनीशियन ग्रेड-2 भर्ती में छह, सहायक अध्यापक एलटी भर्ती में 15 और कनिष्ठ सहायक में एक अभ्यर्थी शामिल थे। इनमें से करीब 65 अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट से स्टे ले लिया था, जिससे वे सशर्त भर्तियों में शामिल हो सकते हैं।
आयोग के अध्यक्ष ने कहा कोर्ट में पेश करेंग सभी सबूत
यूकेएसएसएससी के अध्यक्ष जी.एस. मर्तोलिया ने कहा कि आंतरिक जांच के आधार पर ऐसे कई सबूत मिले हैं जो यह सिद्ध करते हैं कि डिबार किए गए अभ्यर्थी पेपर लीक में शामिल थे। इसलिए हमने यह निर्णय लिया है कि जल्द ही हाईकोर्ट के समक्ष सभी सबूत पेश किए जाएंगे ताकि इन अभ्यर्थियों का डिबार का आदेश जारी रहे। दूसरी ओर यूकेपीएससी के सचिव गिरधारी सिंह रावत ने कहा कि अभ्यर्थियों को हाईकोर्ट के आदेश के अधीन ही मौका मिला है और हम उसका अनुपालन करते हुए इन अभ्यर्थियों को परीक्षाओं में शामिल होने का मौका देते हैं।