उत्तराखंड में जल्द लागू होगी ‘रेफरल नीति’ अब मनमर्जी से डॉक्टर नहीं कर पाएंगे मरीजों को रेफर
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए रेफरल नीति तैयार की है और इसे लेकर दिशा निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
Jun 27 2024 10:09AM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
रेफरल नीति के तहत अब किसी भी अस्पताल के चिकित्सक किसी गंभीर मरीज को एक से दूसरे अस्पताल में रेफर करके उस मरीज को अपने हाल पर नहीं छोड़ सकते हैं। अस्पताल में बेड की उपलब्धता की जानकारी लेकर ही मरीज को स्थानांतरित किया जाएगा।
Referral Policy Will Be Implemented Soon in Uttarakhand
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने सरकारी अस्पतालों के बीच बेहतर सामंजस्य स्थापित करने और मरीजों की सुविधा के लिए रेफरल नीति तैयार की है, इस नीति के अनुसार, अब किसी भी अस्पताल के चिकित्सक किसी गंभीर मरीज को एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में रेफर करके उसे उसके हाल पर नहीं छोड़ सकते हैं। चिकित्सकों को दूसरे अस्पताल के नोडल अधिकारी से बातचीत करके वहां बेड की उपलब्धता की जानकारी लेनी होगी, इसके बाद ही मरीज को दूसरे अस्पताल में रेफर किया जाएगा।
दून हॉस्पिटल के डॉक्टर ने बताई व्यवस्था
दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक अधीक्षक डॉ. अनुराग अग्रवाल ने बताया कि पहली बार दून हॉस्पिटल के लिए रेफरल सिस्टम के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों के बीच नीति बनने से पहले भी इस बारे में चिकित्सकों से बातचीत होती थी और अनावश्यक रूप से किसी भी मरीज को रेफर नहीं किया जाता था और यदि गंभीर स्थिति के मरीज को इमरजेंसी के चलते रेफर करने की ज़रूरत पड़ती तो दूसरे अस्पताल से बातचीत करके बेड की उपलब्धता की जानकारी ली जाती थी। फिर मरीज को रेफर किया जाता था।
रेफरल नीति के तहत होंगे मरीज स्थानांतरित
डॉ अनुराग ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से रेफरल नीति जारी कर दी गई गई और इसे दून हॉस्पिटल में लागू करने के पूरे प्रयास किया जा रहे हैं। यह नीति मरीजों की बेहतर सेवा के लिए है अब मरीज को जिस भी अस्पताल में रेफर किया जाएगा उस अस्पताल में रेफरल नीति के तहत बेड की उपलब्धता की जानकारी ली जाएगी। साथ ही उन्होंने बताया कि कोई भी चिकित्सक नहीं चाहता कि मरीज को बिना किसी वजह से रेफर किया जाए, लेकिन यदि मरीज को आइसीयू में भर्ती कराने की ज़रूरत है और अस्पताल में आइसीयू उपलब्ध न हो तो ऐसे में उसे रेफर करना ही उचित होता है। इसी प्रकार से अगर अस्पताल में स्पेशलिस्ट डॉक्टर की कमी है तो तब भी मरीज को रेफर करना पड़ता है। जल्द ही दून हॉस्पिटल में एक वर्कशॉप का आयोजन होना है जिसमें सभी चिकित्सकों को रेफरल नीति के बारे में विस्तार से से बताया जाएगा।