दिल्ली: 3 एकड़ जमीन में बनेंगे उत्तराखंड के चारधाम, CM धामी ने केदारनाथ मंदिर का किया शिलान्यास
राजधानी दिल्ली में अब केदारनाथ मंदिर जैसा ही एक प्रतीकात्मक मंदिर ‘केदारनाथ दिल्ली धाम’ बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है, बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसका भूमि पूजन कर दिया है। जिसे लेकर चारधाम महापंचायत इसका विरोध में उतर आई है।
Jul 12 2024 4:46PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
दिल्ली के बुराड़ी में केदारनाथ मंदिर की तरह एक भव्य मंदिर बनाया जा रहा है। यहाँ भक्तों को बाबा के 12 महीने दर्शन होंगे। सीएम धामी जी ने इसका शिलान्यास भी कर दिया है। प्रदेश के चारों धामों के तीर्थ पुरोहित महा पंचायत ने नाराजगी व्यक्त करते हुए इसका कड़ा विरोध जताया है और इस तरह के प्रयास को रोकने के लिए आंदोलन की चेतावनी भी दी है।
Teerth Purohit Mahapanchayat Angry Over Construction of Shri Kedarnath Temple in Delhi
राजधानी दिल्ली में श्री केदारनाथ धाम के नाम से मंदिर बनाने का विरोध करते हुए उत्तराखंड चार धाम तीर्थ पुरोहित महा पंचायत ने इसपर नाराजगी व्यक्त की है। महापंचायत का कहना है कि धाम के नाम पर मंदिरों की स्थापना कर उत्तराखंड के विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँचाया जा रहा है। वहीं कांग्रेस ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और भाजपा के विधायकों द्वारा दिल्ली में केदारनाथ धाम के प्रतीकात्मक मंदिर के शिलान्यास को देवभूमि उत्तराखंड और सनातन धर्म का घोर अपमान बताया है। महापंचायत ने कहा यदि इस तरह के कार्य रोके नहीं गए तो ऐसे लोगों के खिलाफ आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
कांग्रेस ने सीएम के इस फैसले का किया विरोध
कांग्रेस ने मुख्यमंत्री के इस फैसले पर उत्तराखंड और सनातन धर्म का अपमान बताया है। प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी और शीशपाल बिष्ट ने कहा कि यह हिंदू आस्था और वैदिक परंपरा का अनादर है। भाजपा ने पहले वैदिक परंपरा के विपरीत चार शंकराचार्यों के अलावा अपने शंकराचार्य बनाए और अब ज्योतिर्लिंग की महिमा से भी खिलवाड़ कर रही है। शिव पुराण के अनुसार 12 ज्योतिर्लिंग में केदारनाथ का विशेष स्थान है। प्रतीकात्मक ज्योतिर्लिंग बनाना सनातन धर्म के लिए चिंताजनक और घातक है। कांग्रेस ने पूछा कि भाजपा सरकारें सनातन धर्म की मनमानी व्याख्या क्यों कर रही हैं और चारों शंकराचार्यों से अनुमति ली गई या नहीं, यह स्पष्ट करना चाहिए। सरकार को पुनर्विचार करना चाहिए अन्यथा भाजपा को उत्तराखंड में इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
कांग्रेस ने सीएम के इस फैसले का किया विरोध
श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट ने गुरुवार को यह साफ किया कि उनके द्वारा निर्मित किया जा रहा मंदिर, उत्तराखंड में स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ धाम से जुड़ा नहीं है। मीडिया को दिए एक बयान में ट्रस्ट ने बताया कि दिल्ली में खाटू श्याम जी, माता वैष्णो देवी, और बदरीनाथ जैसे मंदिरों की तरह ही उनका ट्रस्ट भी श्री केदारनाथ मंदिर का निर्माण दिल्ली में कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि केदारनाथ के कपाट 6 महीने बंद रहते हैं, जिससे इस दौरान दर्शन करना संभव नहीं होता। इसके परिणामस्वरूप कई लोग किसी न किसी वजह से दिव्य धाम नहीं पहुंच पाते हैं। इसलिए दिल्ली में बनने वाले मंदिर में बाबा के प्रतिरूप के दर्शन करना आसान होगा।
बुराड़ी की तीन एकड़ भूमि में किया जा रहा चार धाम स्थापित
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि बुराड़ी क्षेत्र का उल्लेख हमारे पौराणिक ग्रंथों में महाभारत काल से मिलता है। इस पवित्र भूमि पर उत्तराखंड और सनातन संस्कृति के प्रतीक, दयानिधान बाबा केदारनाथ जी का धाम बनना निश्चित रूप से आने वाले समय में हमारी संस्कृति और शाश्वत आस्था का आधुनिक प्रतीक बनेगा। श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट के संस्थापक सुरेंद्र रौतेला ने कहा कि केदारनाथ धाम करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है। इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली में बाबा केदारनाथ को समर्पित भव्य मंदिर बनाने का लक्ष्य रखा गया है। मंदिर की सामग्री अगले 100 वर्षों को ध्यान में रखकर चुनी जाएगी और तीन एकड़ भूमि पर चार धाम स्थापित किए जाएंगे।