गढ़वाल यूनिवर्सिटी में चिप वाले डिजिटल आईकार्ड अनिवार्य, फर्जी छात्रों पर कसेगी नकेल
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल यूनिवर्सिटी में एक बदलाव होने जा रहा है। जिसके तहत इस वर्ष से छात्रों के लिए डिजिटल आईकार्ड मुहैया कराए जाएंगे।
Jul 30 2024 1:18PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
डिजिटलाइजेशन के और तेजी से बढ़ रहे एचएनबी की इस पहल से छात्रसंघ चुनाव के दौरान फर्जी मतदान पर रोक लगेगी और इस आईकार्ड की मदद से छात्रों की सारी अपडेट ऑनलाइन रहेगी तथा पूरे कोर्स के दौरान एक ही आईकार्ड चलेगा।
Smart Cards Will Be Made For Students- in HNB University
गढ़वाल विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए अब डिजिटल पहचान पत्र की व्यवस्था शुरू की जा रही है, जो लाइब्रेरी कार्ड का भी काम करेगा। इस नई व्यवस्था से छात्रसंघ चुनाव में फर्जी मतदान की संभावना समाप्त हो जाएगी और हर साल नए आई कार्ड बनाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। इस आधुनिक आरएफआईडी कार्ड की कीमत 100 रुपये निर्धारित की गई है और इसमें क्यूआर कोड, बारकोड और एक नॉन विजिबल चिप भी लगी होगी।
पूरे कोर्स में एक ही Id Card चलेगा
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय डिजिटल तकनीक की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाते हुए छात्रों के आई कार्ड को अपग्रेड कर रही है। अब नए डिजिटल आई कार्ड के जरिए न सिर्फ प्रवेश की प्रक्रिया आसान होगी, बल्कि छात्रों को पूरे कोर्स के दौरान नया आई कार्ड बनाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और लाइब्रेरी कार्ड की भी आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। इस डिजिटल आई कार्ड को बनाने के लिए विवि ने एक पांच सदस्यीय टीम का गठन किया था, जिन्होंने इसे विकसित करने में छह महीने का समय लिया।
शैक्षणिक सत्र 2024-25 से डिजिटल आईकार्ड लागू
प्रो. बीपी नैथानी ने बताया कि समर्थ पोर्टल के माध्यम से छात्रों का डेटा आई कार्ड बनाने के लिए उपयोग किया जाएगा। शुरूआती चरण में कुछ समस्याएँ आ सकती हैं, लेकिन इन्हें शीघ्र ही सुलझा लिया जाएगा। नए शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए जैसे ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी, विवि में प्रवेश लेने वाले छात्रों को आरएफआईडी कार्ड जारी कर दिए जाएंगे। इसके अलावा पीजी और पीएचडी के छात्रों को इंस्टीट्यूशनल डोमेन आईडी प्रदान करने की योजना भी है। अगर कोई छात्र अपना आरएफआईडी कार्ड खो देता है, तो उसे नया कार्ड जारी करने के लिए 200 रुपये का शुल्क देना होगा। इसके साथ ही उसे अपने कार्ड के खोने की रिपोर्ट स्थानीय पुलिस स्टेशन में एफआईआर के रूप में दर्ज करानी होगी।