नैनीताल: भूस्खलन की भेंट चढ़ा ऐतिहासिक टिफिन टॉप, प्रशासन की अनदेखी ने खत्म कर दी एक धरोहर
टिफिन टॉप पर डोरोथी सीट को ब्रिटिश सेना के अधिकारी कर्नल केलेट ने अपनी पत्नी डोरोथी केलेट की याद में बनवाया था। अब ये इतिहास बन गई है।
Aug 7 2024 9:47PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
उत्तराखंड में लगातार बारिश का दौर बदस्तूर जारी है। भारी बारिश के बाद नैनीताल के प्रसिद्ध टिफिन टॉप को भूस्खलन ने निगल दिया है। स्थानीय नागरिकों ने कई बार ज्ञापन देकर प्रशासन को बार-बार याद दिलाने के बाद डोरोथी सीट अब इतिहास बन गई है।
Historic tiffin top and Dorothi seat lost in landslide
दरअसल, मंगलवार देर क्षेत्र में रात तेज बारिश हुई। इसके बाद अचानक टिफिन टॉप से भरी भरकम बोल्डर नीचे आने लगे। साथ ही पूरा शहर तेज आवाज से गूंज उठा। जिसके बाद आस पास के इलाके के लोग भी डर गए। इसके बाद पता लगा कि भूस्खलन के कारण नैनीताल के खूबसूरत नज़ारे दिखाने वाला प्रमुख पर्यटक स्थल, टिफिन टॉप पर बनी ऐतिहासिक डोरोथी सीट ढह गई है।
ब्रिटिश अधिकारी ने पत्नी की याद में बनवाई थी डोरोथी सीट
टिफिन टॉप पर डोरोथी सीट को ब्रिटिश सेना के अधिकारी कर्नल केलेट ने अपनी पत्नी डोरोथी केलेट की याद में बनवाया था। इंग्लैंड जाते समय डोरोथी का समुद्री जहाज पर सेप्टिसीमिया बीमारी से निधन हो गया था। डोरोथी पेंटर थीं और अक्सर टिफिन टॉप पर यहां बैठ कर पेंटिंग बनाया करती थीं। कहा जाता है कि टिफिन टॉप पर ये जगह उन्हें बेहद पसंद थी। इस तरह प्रमुख पर्यटक स्थल होने के साथ ही डोरोथी सीट नैनीताल के इतिहास से भी जुड़ी हुई है।
आँखें मूंदा रहा प्रशासन
पिछले कुछ समय से डोरोथी सीट में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ रही थी। जिसके बाद भूस्खलन की आशंका जताई जा रही थी। लेकिन मंगलवार को डोरोथी सीट रखरखाव के अभाव में पूरी तरीके से ढह गई। इसके साथ ही नैनीताल की एक ऐतिहासिक धरोहर का अंत हो गया। नैनीताल नगर की दक्षिणी पहाड़ी पर 2290 मीटर की ऊंचाई पर स्थित टिफिन टॉप पर हर वर्ष लाखों की तादाद में पर्यटकों के साथ ही स्थानीय नागरिक भी नैनीताल के बेहतरीन नजारों और टिफिन टॉप ट्रैक का आनंद लेने जाते हैं। बीते कई वर्षों से यहां गहरी दरारें पड़ गई थीं जिसके बाद ये जगह दरकने लगी थी। स्थानीय नागरिकों ने कई बार ज्ञापन देकर प्रशासन को समस्या से अवगत कराया था। परन्तु केवल कुछ तारों से इसे बाँध कर खानापूर्ति कर दी गयी थी। प्रभावी कार्रवाई नहीं होने के बाद आखिरकार वह अनहोनी हो गई जिसकी लंबे समय से आशंका जताई जा रही थी। अब ऐतिहासिक टिफिन टॉप और डोरोथी सीट प्रशासन की अनदेखी से खत्म हो गयी है, साथ ही नैनीताल के इतिहास में मौजूद एक धरोहर भी।