उत्तराखंड में सरकार पर तस्कर भारी, 12 मोटरसाइकिलों पर आए.. वनकर्मियों पर झोंके 22 राउंड फायर
उत्तराखंड में वन तस्करों के होंसले इतने बुलंद हो चुके हैं कि उन्हें अब किसी का खौफ नहीं है। आए दिन कीमती लकड़ियों की तस्करी के मामले सामने आते हैं लेकिन सरकार अभी तक इनपर नियंत्रण करने में असफल रही हैं।
Aug 8 2024 5:43PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
बीते मंगलवार की रात पूर्वी गदगदिया बीट पर 15-20 वन तस्करों ने वन विभाग के गश्ती दल पर 22 गोलियां चलाईं। जवाबी कार्रवाई में वन विभाग के कर्मचारियों ने भी आत्मरक्षा में दो राउंड फायर किए।
Smugglers Fired 22 Rounds On Foresters in Haldwani
हल्द्वानी में वन तस्करों का आतंक बढ़ता जा रहा है और अब वे वन कर्मियों पर फायरिंग करने से भी नहीं हिचक रहे हैं। मंगलवार रात को पूर्वी गदगदिया बीट पर 15-20 तस्करों ने वन विभाग के गश्ती दल पर 22 राउंड गोलियां चलाईं। वन कर्मियों ने अपने बचाव में दो राउंड फायर किए, लेकिन तस्करों की भारी फायरिंग के कारण उन्हें पैदल ही भागना पड़ा। घटना उस वक्त हुई जब तराई केंद्रीय वन प्रभाग की गदगदिया रेंज की टीम रात 11:30 बजे गश्त कर रही थी। इस दौरान उन्होंने मोटरसाइकिल पर लकड़ी ले जाते तस्करों को देखा। तस्करों ने गश्ती दल को देखते ही वन विभाग की गाड़ी पर फायरिंग शुरू कर दी। वन कर्मियों ने पेड़ के पीछे छिपकर मोर्चा संभाला और बचाव में दो फायर किए, लेकिन तस्करों ने 22 राउंड फायरिंग कर दी, जिससे वन कर्मियों को पैदल ही जंगल में भागना पड़ा और तस्कर लकड़ी लेकर फरार हो गए।
अवैध हथियार के साथ गैंग बनाकर करते हैं चोरी
वन विभाग के सूत्रों के मुताबिक तस्कर 10 से 12 मोटरसाइकिलों पर आए थे, जिनमें से पांच मोटरसाइकिलों पर लकड़ी के गिल्टे लदे हुए थे। वन कर्मियों को देखते ही तस्करों ने फायरिंग शुरू कर दी। सूत्रों का कहना है कि सभी तस्करों के पास अवैध हथियार थे और वे संगठित रूप में गैंग बनाकर आए थे। प्रदीप कुमार असगोला रेंजर गदगदिया ने बताया कि ये सभी तस्कर थापक नगला के निवासी हैं। पहले भी इस गांव के तस्करों ने वन कर्मियों पर हमला किया था। ये लोग पिछले तीन दिनों से लगातार लकड़ी चोरी कर रहे हैं और वे करीब पांच पेड़ काटकर ले गए हैं। वन विभाग की टीम जंगल में सर्च अभियान चला रही है ताकि पता लगाया जा सके कि कितने पेड़ काटे गए हैं। डीएफओ ने बताया कि मंगलवार रात वन तस्करों ने वन कर्मियों पर हमला किया। बारिश के चलते तस्करों की पहचान टीम द्वारा नहीं की जा सकी। फिलहाल जंगल से कटे हुए पेड़ों की संख्या का पता लगाने के लिए सर्च अभियान जारी है और तस्करों की पहचान की कोशिश की जा रही है।