ऋषिकेश: संस्कृति के रंगों में सजी मूल निवास और भू कानून रैली, त्रिवेणी घाट पर दोहराया गया संकल्प
आज ऋषिकेश में स्वाभिमान महारैली का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए। इस रैली का उद्देश्य मूल निवास 1950, मजबूत भू-कानून और नशे पर रोक लगाने की मांग करना था।
Sep 29 2024 6:49PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
वर्ष 1950 से मूल निवास और सशक्त भू-कानून लागू करने की मांग जोर पकड़ रही है। साथ ही राज्य में नशे की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की भी आवाज उठाई जा रही है। इसी सिलसिले में आज ऋषिकेश के आईडीपीएल हॉकी मैदान में हजारों लोग एकत्रित हुए, खास बात यह थी कि महिलाएं पारंपरिक परिधान में रैली में शामिल हुईं, जो इस आयोजन को और भी खास बना गया।
Uttarakhand Land Law Swabhiman Maha Rally in Rishikesh
ऋषिकेश में आज स्वाभिमान महारैली में हजारों लोग शामिल हुए, प्रदर्शन के बाद त्रिवेणी घाट तक रैली निकाली गई, जहां पूजा-अर्चना के बाद लोगों ने अपनी मांगों के लिए लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया। महारैली में पुलिस सुरक्षा भी तैनात थी। समाजसेवी कुसुम जोशी ने कहा कि उत्तराखंड के लोग लगातार तीन जायज मांगों के लिए आवाज उठा रहे हैं, लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही। ऋषिकेश में यह पहली महारैली सरकार को चेताने के लिए आयोजित की गई है।
मूल निवास और सशक्त भू-कानून की मांग पर उग्र आंदोलन की चेतावनी
समिति संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि प्रदेश में सशक्त भू-कानून और 1950 से मूल निवास की मांग लंबे समय से की जा रही है। उन्होंने बताया कि कमजोर भू-कानून के कारण उत्तराखंड की शांत वादियां अब अपराधियों का अड्डा बनती जा रही हैं, जहां ड्रग्स माफिया, भू-माफिया और खनन माफिया सक्रिय हैं। डिमरी ने हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून लागू करने की जरूरत पर जोर दिया। इसके साथ ही 1950 मूल निवासी कानून लागू करने और समय-समय पर निवासी सर्वेक्षण अनिवार्य करने की मांग की गई। महारैली में शामिल अन्य वक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे जरूरत पड़ने पर उग्र आंदोलन करने से भी पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द सशक्त भू-कानून और 1950 मूल निवास कानून लागू करने की अपील की।