image: 5 Youths Discovered A 78 Km Long Trekking Route In Madmaheshwar

Uttarakhand: 5 युवाओं ने खोजा पंच-केदार को जोड़ने वाला 78 किमी लंबा ट्रैकिंग रूट

मद्महेश्वर घाटी और आसपास के क्षेत्रों के पाँच युवाओं ने पहली बार 78 किमी लंबा एक पैदल ट्रैक खोजा है, जो चोपता से विसुणीताल, खमदीर, शेषनाग कुंड और नंदीकुंड होते हुए मद्महेश्वर तक पहुँचता है। इस रोमांचक खोज में उन्हें पाँच दिन लगे, जिसके बाद सभी युवक स
Oct 11 2024 2:49PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

यह ट्रैकिंग रूट बेहद दुर्गम है, जिसमें ग्लेशियर, झीलें और लंबे पथरीले भू-भाग शामिल हैं। इसकी कठिनाई के बावजूद आने वाले दिनों में यह रूट देश-विदेश के ट्रैकर्स के बीच लोकप्रिय हो सकता है। युवाओं ने इस ट्रैक को कुछ समय पहले गूगल मैप पर देखा था और उसे वास्तविकता में खोजने का साहसिक कदम उठाया।

5 Youths Discovered A 78 Km Long Trekking Route In Madmaheshwar

उत्तराखंड के पांच युवाओं के एक दल ने हिमालय के दुर्गम क्षेत्रों में एक नए ट्रैकिंग रूट की खोज की है, जिसका मुख्य उद्देश्य पांचों केदारों को जोड़ना और विसुणीताल-खमदीर-शेषनाग-नंदीकुंड ट्रैक को एक पर्यटक स्थल के रूप में स्थापित करना है। युवाओं ने पहले इस क्षेत्र को गूगल मैप के माध्यम से देखा और फिर डिजिटल मैप तैयार करके ट्रैक की वास्तविक स्थिति को समझा। गौंडार गांव के अभिषेक पंवार और अजय पंवार, बडूस गांव के संजय नेगी, नई टिहरी के विनय नेगी और डांगी गांव के विपिन सिंह ने 20 सितंबर को चोपता से इस ट्रैक का अभियान शुरू किया। यात्रा के पहले दिन दल मर्तोली पहुंचा और अगले कुछ दिनों में उन्होंने चित्रा बड्यार, दवा मरूड़ा और अजय पास तक का रास्ता तय किया।अभियान के दौरान दल ने हिमालय की विविधता को नजदीक से देखा। 24 सितंबर को दल अजय पास से खमदीर के दुर्गम रास्तों पर चला, जहां उन्होंने भरतकुंड, केदारनाथ, केदारडोम और सतोपंथ जैसी चोटियों के सौंदर्य का दीदार किया।

ऊंचे पर्वतीय भूखंडों और ट्रेकिंग के नए रोमांच से भरी मद्महेश्वर घाटी

यह पूरा क्षेत्र चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों की सीमा पर स्थित है, जिसमें ऊँचे पर्वतीय भूखंड और पत्थरों की विशाल शिलाएं देखने को मिलती हैं। खमदीर जो समुद्र तल से 4500 मीटर की ऊंचाई पर है, में ट्रेकिंग दल ने ट्री लाइन के नीचे के क्षेत्र से होते हुए शेषनाग कुंड और नंदी कुंड को पार किया और पांडवसेरा के रास्ते से द्वितीय केदार मद्महेश्वर तक पहुंचा। विनय नेगी ने इस रूट के तीन डिजिटल मैप तैयार किए, जिनमें ट्रैक के सभी बिंदुओं को दर्शाया गया है ताकि आने वाले ट्रेकर्स को कोई कठिनाई न हो। इस पूरे अभियान का विवरण पर्यटन और वन विभाग को सौंपा जाएगा, ताकि इस नए ट्रैक को औपचारिक रूप से विकसित किया जा सके। इससे पहले भी इन युवाओं ने मद्महेश्वर घाटी में 'शिव सरोवर' नामक एक झील की खोज की थी, जो मद्महेश्वर-पांडवसेरा-नंदकुंड ट्रैक पर स्थित है।

हिमालय की खूबसूरती को प्रमोट करने के लिए साहसी युवाओं की पहल

गौंडार निवासी अजय पंवार का मानना है कि रुद्रप्रयाग जिले में एडवेंचर टूरिज्म और स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने से हिमालय की सुंदरता दुनियाभर में प्रसिद्ध होगी। इस दल के सदस्य विपिन सिंह ने पंच केदार यात्रा को जोड़ने वाले दुर्गम पैदल ट्रेक्स की बात की, कहा खोज के लिए साहस और साधनों की आवश्यकता है। विनय नेगी ने विसुणीताल से खमदीर तक की यात्रा को चुनौतीपूर्ण बताया, जहां बर्फीली हवाओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन यह क्षेत्र प्रकृति का अनमोल खजाना समेटे हुए है। संजय सिंह ने खमदीर से शेषनाग कुंड तक के पथरीले सफर और मद्महेश्वर घाटी के हिमाच्छादित पर्वत श्रृंखलाओं के अद्भुत दृश्य को अविस्मरणीय बताया, जो पर्यटकों के लिए नई रोमांचकारी संभावनाएं खोलता है।


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