Uttarakhand: 27 नवंबर को खत्म हो रहा कार्यकाल, बढ़ने का नहीं है प्रावधान.. जानिये कब होंगे पंचायत चुनाव
उत्तराखंड में पंचायतों का कार्यकाल 27 नवंबर को समाप्त हो रहा है, लेकिन इस साल चुनाव नहीं होंगे और कार्यकाल में कोई वृद्धि नहीं की जाएगी।
Oct 21 2024 12:09PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के संबंध में शासन से 20 अक्टूबर तक रिपोर्ट मांगी थी, जिसे अब पंचायत निदेशालय ने शासन को भेज दिया है।
Panchayat Elections in Uttarakhand Will Not Take Place This Year
उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के संबंध में एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है, जिससे अब यह लग रहा है कि इस वर्ष पंचायत चुनाव नहीं होंगे। प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए विभाग ने हरिद्वार को छोड़कर सभी जिलों में ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायतों का परिसीमन किया है। ग्राम पंचायतों के परिसीमन के बाद उनकी संख्या 7,796 से बढ़कर 7,823 हो गई है। ग्राम पंचायत वार्ड की संख्या 59,219 से बढ़कर 59,357 और जिला पंचायत की सीटें 385 से बढ़कर 389 हो गई हैं। हालांकि क्षेत्र पंचायतों की संख्या 3,162 से घटकर 3,157 हो गई है। इसके अलावा शहरी विकास विभाग ने कुछ निकायों का विस्तार किया है और कुछ ग्राम पंचायतों को नगर पालिका क्षेत्र से बाहर किया है।
पंचायत चुनाव अगले साल फरवरी-मार्च के बाद होंगे
चमोली, चंपावत, नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिलों के कुछ क्षेत्रों में नए सिरे से परिसीमन किया जाएगा, जिससे इन जिलों में ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायत सीटों की संख्या में वृद्धि और कमी हो सकती है। पंचायती राज विभाग के संयुक्त निदेशक मनोज तिवारी ने बताया कि परिसीमन के परिणामस्वरूप कुछ गांव शहरी निकायों में शामिल हो गए हैं, जबकि कुछ निकायों से बाहर हो गए हैं। इसके अलावा मतदाता सूची का पुनरीक्षण अगले साल जनवरी तक किया जाना है। पुनरीक्षण के बाद ही नई मतदाता सूची तैयार होगी, जिससे चुनाव अगले साल फरवरी-मार्च के बाद ही संभव हो पाएंगे। पंचायती राज के कार्यकाल बढ़ाने के लिए एक्ट में कोई प्रावधान नहीं है।
पंचायत कार्यकाल बढ़ाने का कोई प्रावधान नहीं
पंचायती राज विभाग के अधिकारियों के अनुसार पंचायतों के कार्यकाल को बढ़ाने का कोई प्रावधान एक्ट में नहीं है, जिससे त्रिस्तरीय पंचायतों का कार्यकाल एक दिन के लिए भी नहीं बढ़ाया जा सकता। हालांकि सरकार चाहने पर पंचायत प्रतिनिधियों को अधिकतम छह महीने के लिए प्रशासक नियुक्त कर सकती है। एक्ट के अनुसार जिला पंचायतों में जिला मजिस्ट्रेट और अध्यक्ष को प्रशासक बनाया जा सकता है, जबकि ब्लॉक में एसडीएम और क्षेत्र प्रमुख को तथा ग्राम पंचायतों में एडीओ पंचायत और ग्राम प्रधान को प्रशासक नियुक्त किया जा सकता है। इसके अलावा पंचायतों का कार्यकाल दो साल बढ़ाते हुए 12 जिलों में हरिद्वार के साथ 2027 में चुनाव कराने का प्रस्ताव है, जिससे ‘एक राज्य एक पंचायत चुनाव’ का सिद्धांत लागू हो सके। पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि पहले भी कार्यकाल बढ़ाने के लिए अधिसूचना जारी की गई थी और अन्य राज्यों ने भी ऐसा किया है।