image: Garhwal University Scientists to Attend 13th Asian Aerosol Conference in Malaysi

उत्तराखंड: गढ़वाल विवि के 2 वैज्ञानिक मलेशिया में दिखाएंगे प्रतिभा, प्रदूषण पर साझा करेंगे शोध

गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के सहायक प्रोफेसर डॉ. आलोक सागर गौतम और शोध छात्र अमन दीप विश्वकर्मा 13वें एशियाई एरोसोल सम्मेलन में अपना शोध-पत्र प्रस्तुत करेंगे।
Oct 22 2024 7:43PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क

नवंबर में मलेशिया में होने वाले 13वें एशियाई एरोसोल सम्मेलन में विश्वभर के वैज्ञानिक और शोधकर्ता शामिल होंगे। इस सम्मेलन में वातावरण में बढ़ते प्रदूषण पर चर्चा की जाएगी, साथ ही विशेषज्ञ अपने नवीनतम शोध परिणामों को साझा करेंगे।

Garhwal University Scientists to Attend 13th Asian Aerosol Conference in Malaysia

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के डॉ. आलोक सागर गौतम भौतिकी विभाग में वरिष्ठ सहायक प्रोफेसर हैं। वे वायुमंडलीय विज्ञान में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं और उनकी अगुवाई में हिमालयी क्षेत्र की वायु गुणवत्ता पर किए जा रहे शोध से नए और महत्वपूर्ण निष्कर्ष निकल रहे हैं। उनके मार्गदर्शन में शोध छात्र अमन दीप ने भी इस क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है। अमन दीप का शोध जो हिमालयी क्षेत्र में वायुमंडलीय कणों के वितरण पर आधारित है, इस क्षेत्र में प्रदूषण की गहरी समझ विकसित करने में मदद कर रहा है। इस नवंबर में मलेशिया में आयोजित होने वाले 13वें एशियाई एरोसोल सम्मेलन में डॉ. गौतम अपना शोध-पत्र ‘पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में धूल कणों के निर्माण की प्रमुख विशेषताएं’ विषय पर प्रस्तुत करेंगे। वहीं अमन दीप अपने शोध में ‘मशीन लर्निंग मॉडल के माध्यम से एरोसोल के आकार-वितरण की भविष्यवाणी’ पर चर्चा करेंगे। यह शोध वायुमंडलीय विज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के समन्वय का अनूठा उदाहरण है, जो वायु गुणवत्ता की निगरानी और प्रदूषण नियंत्रण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

अंटार्कटिका अभियान में भाग ले चुके डॉ. गौतम

गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में स्थापित इस शोध प्रयोगशाला का काम वायुमंडलीय परिवर्तनों, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं पर केंद्रित है। डॉ. गौतम का यह काम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहना पा रहा है, जो न केवल विश्वविद्यालय बल्कि पूरे उत्तराखंड के लिए गर्व की बात है। उनका यह शोध कार्य और अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुतियां वायुमंडलीय विज्ञान में नए आयाम जोड़ रहे हैं। डॉ. आलोक सागर गौतम 28वें भारतीय वैज्ञानिक अंटार्कटिका अभियान में शामिल हो चुके हैं। उन्होंने अब तक 100 से अधिक शोध पत्र, 7 पुस्तकें, और 40 पुस्तक अध्याय प्रकाशित किए हैं। इसके अलावा, उनके 15 से अधिक पेटेंट्स भी अनुदानित और प्रकाशित हो चुके हैं।


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