Uttarakhand News: 3 शिक्षिकाओं को 5 साल की जेल, फर्जी BEd पर पाई थी सरकारी नौकरी
फर्जी बीएड डिग्री के आधार पर नौकरी हासिल करने वाली तीन महिला शिक्षिकाओं को पांच-पांच साल की कठोर सजा सुनाई गई है।
Oct 23 2024 9:06AM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
इन शिक्षिकाओं ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के नाम पर फर्जी डिग्री बनाई थी। तीनों महिलाओं पर दस-दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है, जिसे अदा न करने पर उन्हें तीन महीने के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।
3 Teacher Jailed For Fake B.Ed Degrees in Rudraprayag
जनपद रुद्रप्रयाग में तैनात महिला शिक्षिका माया बिष्ट, सरोज मेवाड़ और संगीता राणा ने बीएड की फर्जी डिग्री के आधार पर शिक्षा विभाग में नौकरी हासिल की थी। एसआईटी और विभागीय जांच में इनकी डिग्री फर्जी पाई गई। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ से सत्यापन के बाद पुष्टि हुई कि तीनों ने वहां से कोई डिग्री नहीं ली थी। इस आधार पर शिक्षा विभाग ने मुकदमा दर्ज कराया और इन्हें निलंबित कर बर्खास्त कर दिया गया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अशोक कुमार सैनी की कोर्ट ने तीनों को दोषी ठहराया।
धारा 420 के तहत 5 साल का कठोर कारावास
कोर्ट ने तीनों शिक्षिकाओं को धारा 420 के तहत पांच-पांच साल का कठोर कारावास और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना न भरने पर तीन महीने की अतिरिक्त सजा होगी। धारा 471 के तहत दो साल की सजा और पांच हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया, जिसे न चुकाने पर एक महीने का साधारण कारावास भुगतना होगा। राज्य सरकार ने फर्जी शिक्षकों के खिलाफ प्रभावी पैरवी की और शिक्षा विभाग के लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए।