देवप्रयाग: आपदा में फंसे 10 मजदूरों को DM, CDO और NDRF ने किया रेस्क्यू.. सफल रही मॉक ड्रिल
देवप्रयाग के सौड़ में रेलवे परियोजना की निर्माणाधीन सुरंग में मलबा आने के कारण सुरंग में 10 मजदूर फंस गए थे, जिनको प्रशासन कि कई टीमों ने मिलकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर सकुशल बाहर निकाला।
Dec 19 2024 12:43PM, Writer:राज्य समीक्षा डेस्क
सुरंग में बाढ़ की वजह से मलबा आने से 10 मजदूर सुरंग के अदर फंस गए थे। बचाव दलों ने उनको बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान कंट्रोल रूम में मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत और अपर जिलाधिकारी अनिल गर्ब्याल पूरी घटना पर नजर रखे हुए थे। बचाव दल कड़ी मस्सकत करके आखिरकार सभी मजदूरों को सकुशल बाहर निकाला।
Rescue team saved workers trapped in the tunnel through mock drill
मंगलवार को सुबह 11 बजे आपदा प्रबंधन कंट्रोल रूम को सूचना मिली कि देवप्रयाग के सौड़ में निर्माणाधीन रेलवे टनल में बाढ़ के कारण मलबा आ गया है। जिसके कारण कुछ मजदूर अंदर फंस गए हैं। आपदा को रोकने के लिए जिला प्रशासन की मदद की जरूरत है। कंट्रोल रूम से सूचना मिलते ही नायब तहसीलदार पौड़ी, देवप्रयाग थाने से पुलिस बल, आपदा प्रबंधन और आपदा मित्र टीम मौके पर पहुंची। घटना स्थल की हालात को देखते हुए एनडीआरएफ की टीम को बुलाया गया .सूचना मिलते ही एनडीआरएफ कि टीम भी घटनास्थल पर पहुंची. सूचना पर स्वास्थ्य विभाग की टीम और एंबुलेंस भी मौके पर पहुंची।
बचाव दल ने सभी मजदूरों को सकुशल बाहर निकाला
प्रभावितों तक तत्काल राहत पहुंचाने और सूचनाओं के आदान-प्रदान के मकसद से सुरंग के समीप ही पुलिस कंट्रोल रूम और स्टेजिंग एरिया स्थापित किया गया। जिलाधिकारी कार्यालय में अस्थायी तौर पर कंट्रोल रूम स्थापित किया गया। घटना की सूचना मिलते ही मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत, अपर जिलाधिकारी अनिल गर्ब्याल सहित आपदा प्रबंधन से जुड़े अन्य अधिकारी भी तत्काल कंट्रोल रूम पहुंच गए। बचाव दल ने मौके पर पहुंचने के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। सर्वप्रथम बचाव दल ने सुरंग के अंदर फंसे दो मजदूरों को बाहर निकाला। दोनों मजदूर सामान्य रूप से घायल हुए थे। दोनों को 108 एंबुलेंस से लगभग 07 किलोमीटर दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवप्रयाग भेजा गया। कुछ देर बाद दल ने 06 मजदूरों को भी सुरंग से सुरक्षित बाहर निकाला। काफी कड़ी मस्सकत के बाद लास्ट के शेष 02 मजदूरों को भी सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। उनमें से एक मजदूर की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे एंबुलेंस से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवप्रयाग भेजा गया।
सफल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन
मुख्य विकास अधिकारी गुणवंत ने रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता पर इस अभियान से जुड़े लोगों को बधाई देते हुए कहा कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य कमियों को देखकर उसको दूर करना है। ताकि भविष्य में कभी ऐसी स्थिति आती है, तो सभी तैयार रहें। उन्होंने अभियान से जुड़े लोगों से कहा कि मॉक ड्रिल यदि उन्हे कोई कमी दिखी हो या कोई सुझाव देना चाहते हैं, तो संबंधित उसकी रिपोर्ट भेज दें। एनडीआरएफ के सहायक कमांडेंट सुनील कुमार ने कहा कि आपदा के दौरान कम्युनिकेशन और कॉर्डिनेशन महत्वपूर्ण होता है। इसके लिए अपर जिलाधिकारी श्री गर्ब्याल ने आपदा की सूचना मिलते ही जिला मुख्यालय में स्थित अधिकारियों को तत्काल कंट्रोल रूम में पहुँचने का आदेश दिया। ताकि उनके स्तर पर कार्रवाई का संपादन हो सके।